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मौसम की बेरुखी के कारण इस बार बारिश में देरी हो रही है। ऐसे में भयंकर गर्मी के कारण लोग जमकर AC and Cooler का उपयोग कर रहे हैं। कुछ लोगों को तो एसी कूलर में रहने की आदत सी हो गई है। वह हर मौसम में इनका उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है लगातार एसी और कूलर के उपयोग से हमारे शरीर को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दरअसल, कुछ लोग पूरे टाइम एसी व कूलर की हवा में रहते हैं। वे दिन भर घर में भी एसी में रहते हैं और इसके बाद अगर बाहर जाना हो तो भी गाड़ी में एसी चलाकर जाते हैं। इसके बाद ऑफिस में भी एसी लगाकर ही बैठते हैं। इस प्रकार कई लोग 24 घंटे एसी की हवा में रहते हैं। जो शरीर के लिए विभिन्न कारणों से फायदेमंद नहीं है। क्योंकि यह हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है।अगर आप भी दिन-रात एसी और कूलर का उपयोग करते हैं। तो आप इसका कम से कम उपयोग करें।तो आइए जानते हैं दिन-रात एसी-कूलर का उपयोग करने से शरीर को क्या नुकसान है।
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इम्यूनिटी कमजोर-
अगर आप दिन रात एसी का इस्तेमाल करते हैं। तो इससे आपका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है। क्योंकि एसी हमारे आसपास एक आर्टिफिशियल टेंपरेचर बनाता है। यानी बाहरी तापमान 32 से 44 डिग्री हो तो कमरे का तापमान 16 से 28 डिग्री हो जाता है। यह आर्टिफिशियल टेंपरेचर हमारी इम्यूनिटी पर गलत असर डालता है। अगर आप अधिकतर बीमार होते हैं। तो हो सकता है कि उसका कारण भी यही है। इसी के साथ चार-पांच घंटे से अधिक एसी में बैठने वालों की म्यूकस ग्रन्थि को ठंडी हवा कठोर बना देती है।
ड्राई स्किन की समस्या-
लगातार ऐसी का या कूलर की हवा खाने से स्किन ड्राई होने की समस्या होती है। क्योंकि इससे हमारे शरीर की ऊर्जा खर्च नहीं होती है और शरीर पर चर्बी चढ़ने लगती है। इस कारण हमारा वजन भी बढ़ने लगता है। लगातार एसी और कूलर में बैठे रहने से त्वचा में नमी की कमी हो जाती है। इस वजह से स्किन ड्राई होने लगती है।
सिर दर्द और जोड़ों में दर्द-
लगातार एसी और कूलर की हवा खाने से मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होती है। सिर दर्द भी होता है और दिन-रात एसी कूलर में बैठने से जोड़ों के दर्द की समस्या भी घर कर लेती है। इसलिए एसी और कूलर की हवा कम से कम लेना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से हाथ पैर गर्दन और घुटनों का दर्द भी बढ़ जाता है।
छाती में ठंडक-
कूलर और एसी की ठंडक के कारण हमारी छाती में भी ठंडक बैठ जाती है। जिसका शरीर पर बुरा असर होता है। जो लोग चादर कंबल आदि ओढ़कर सोते हैं। उनकी अपेक्षा बिना ओढ़े सोने वालों को ठंडक के साथ फंगल इंफेक्शन का भी भय रहता है। साथ ही साथ ही दमा, सांस संबंधी बीमारी वाले लोगों को एसी कूलर की हवा से बचना चाहिए।
इस तरह करें एसी और कूलर का उपयोग-
कूलर और एसी का उपयोग करने से पहले उसमें फिल्टर लगाएं। कूलर एसी का उपयोग करते वक्त ध्यान रखें कि हवा सीधी आपके शरीर पर नहीं आए। इस बात का भी ध्यान रखें कि कूलर की खस को हर बार बदलते रहें। कमरे का तापमान यदि कम करें तो 20 डिग्री से कम नहीं करना चाहिए। बाहर और कमरे के तापमान में 4 डिग्री से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। यदि अंतर बहुत ज्यादा हो तो वहां से आकर तुरंत कमरे में ना जाएं और कमरे से निकलकर तुरंत बाहर ना जाए।
Published on:
06 Jul 2021 02:09 pm
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