
CORONA : भारतीय मूल के चिकित्सक ने विकसित की कोरोना की चार दवाएं
कोरोना वायरस जानलेवा कम संक्रामक ज्यादा है। इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है। इससे बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। दुनिया में पूर्व में भी कई वायरस जनित महामारी आती रही हैं। एक समय बाद उनका इलाज ढू़ंढ लिया गया। कोरोना को लेकर चार दवाएं विकसित की हैं। इनका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। उनसे बातचीत के संपादित अंश-
किस तरह काम करेंगी दवाएं
कोरोना वायरस को लेकर चार दवाएं विकसित की गई हैं। इनमें से दो ओरल दवाएं जो कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए हैं। अमरीका की फूड एंड ड्रग एजेंसी (एफडीए) की अनुमति से क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इनमें एक दवा का नाम है सीबी ए-वन, जो संक्रमण रोधी है। इसका परीक्षण हॉस्पिटल में चिकित्सकों, नर्सेज, वार्ड ब्वाय, तकनीशियन पर किया जा रहा है।
तीन अन्य दवाएं मरीजों के लिए
दूसरी दवा है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगी। इसका प्रयोग संक्रमित मरीज के इलाज में होगा। इसके अलावा तीसरी दवा जो स्टेम सेल आधारित है। वह संक्रमित मरीजों के लिए होगी। इसका प्रयोग गंभीर स्थिति से पहले के मरीजों के लिए है। चौथी दवा गंभीर मरीजों में रिकवरी फास्ट करने के लिए है। ऐसे मरीज जो गंभीर स्थिति में रेसपिरेटर सिस्टम पर हैं, उनपर प्रयोग की जा रही है।
30-45 दिन का चलता है चक्र
दरअसल, कोरोना वायरस का संक्रमण आजकल में खत्म नहीं होने वाला है। क्योंकि इसकी खासियत तेज संक्रामकता है। किसी के संक्रमित होने से ठीक होने में कम से कम 30-45 दिन का समय लगता है। सामान्यत: शरीर में प्रवेश करने के 10 दिन बाद इसकी गतिविधि तेज होती है। इसके बाद रिकवरी में कम से कम 30-45 दिन लगते हैं। इस दौरान संक्रमित कई लोगों को संक्रमित कर चुका होता है। जो पुन: अगले 45 दिन के चक्र में चलता है।
करीब 3000 लोगों पर ट्रायल शुरू हो रहा
यह ट्रायल वहां के तीन अस्पतालों में करीब 3000 लोगों पर शुरू किया जा रहा है जो तीन माह तक चलेगा। सब कुछ ठीक रहा तो इन दवाओं के पांच-छह माह में मार्केट में आने की उम्मीद की सकती है।
Published on:
15 Apr 2020 07:18 pm
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