
Covid-19 and PM2.5
Covid-19 and pm2.5 : कोविड-19 महामारी के दौरान, वायरस की तीव्र संक्रामकता को संक्रमण और मृत्यु दर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन, हाल ही में हुए अध्ययनों ने इस महामारी के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारक की ओर इशारा किया है: वायु प्रदूषण, विशेष रूप से पीएम2.5। यह कणीय प्रदूषण न केवल वायरस के प्रसार को बढ़ावा दे सकता है, बल्कि बीमारी की गंभीरता में भी योगदान कर सकता है।
ताइवान की नेशनल यांग मिंग चियाओ तुंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि पीएम2.5 ने कोविड-19 संक्रमण और उसकी गंभीरता को बढ़ावा दिया।
पीएम2.5, वातावरण में मौजूद बेहद सूक्ष्म कण, सार्स-सीओवी-2 वायरस के संचरण को बढ़ाने वाले वाहक की तरह काम कर सकते हैं।
यह कण शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों और अन्य अंगों में एसीई2 प्रोटीन की मात्रा बढ़ाते हैं, जो कोविड-19 वायरस के लिए एक रिसेप्टर की तरह काम करता है।
जर्नल ऑफ हैज़र्डस मटीरियल्स में प्रकाशित अध्ययन में चूहों पर किए गए प्रयोग से पता चला:
- पीएम2.5 के संपर्क में आने से एसीई2 प्रोटीन की प्रचुरता बढ़ी।
- इन बदलावों ने चूहों में सार्स-सीओवी-2 स्यूडोवायरस संक्रमण को गंभीर बना दिया।
- आरएएस प्रोटीन की असामान्य अभिव्यक्ति ने बीमारी को और खराब कर दिया।
लंबे समय तक कोविड और वायु प्रदूषण का कनेक्शन
स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (आईएसग्लोबल) ने वायु प्रदूषण और लंबे समय तक कोविड (लॉन्ग कोविड) के लक्षणों के बीच संबंध का अध्ययन किया।
शोध में पाया गया कि पीएम2.5 और पीएम10 के लंबे समय तक संपर्क से थकान, सांस लेने में तकलीफ, और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।
हालांकि, वायु प्रदूषण को सीधे तौर पर लॉन्ग कोविड का कारण नहीं माना गया, लेकिन यह संक्रमण की गंभीरता को बढ़ाकर इसके जोखिम को बढ़ा सकता है।
भारत जैसे देशों में, जहां वायु प्रदूषण पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण है, यह अध्ययन एक चेतावनी के रूप में काम करता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में वायु गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
कोविड-19 जैसे भविष्य के संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य, पर्यावरण और विज्ञान के बीच गहरे संबंध को उजागर किया है। पीएम2.5 जैसे वायु प्रदूषक न केवल सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ाते हैं, बल्कि महामारी जैसी आपदाओं के प्रभाव को और गंभीर बना सकते हैं। इस दिशा में किए गए शोध न केवल महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए मददगार हैं, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करते हैं।
Published on:
18 Dec 2024 09:55 am
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