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Aortic Surgery के दौरान मरीज 40 मिनट तक बिना धड़कते दिल के जीवित रहा, जानिए Aortic रोग के कारण और बचाव के तरीके

Aortic Disease : 27 साल के एक युवक का दिल 40 मिनट तक बिल्कुल धड़कना बंद रहा, शरीर में खून का बहाव थम गया फिर भी वह जिंदा बच निकला। लेकिन डॉक्टरों ने अपनी सूझ-बूझ और विशेषज्ञता से उसकी जान बचा ली। आइए जानिए कैसे संभव हुआ यह मेडिकल करिश्मा।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 21, 2025

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Aortic disease diagnosis and prevention|फोटो सोर्स – Freepik

Aortic Symptoms: यह वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं था 27 साल के एक युवक का दिल 40 मिनट तक बिल्कुल धड़कना बंद रहा, शरीर में खून का बहाव रुक गया और फिर भी वह जिंदा बच निकला। डॉक्टरों ने अपनी सूझ-बूझ और आधुनिक तकनीक की मदद से न केवल उसकी जान बचाई बल्कि उसे सामान्य जीवन जीने का मौका भी दिया। आइए जानते हैं आखिर कैसे संभव हुआ यह मेडिकल करिश्मा और Aortic के कारणों और बचाव से जुड़ी जानकारी।

मौत के मुहाने से वापसी


प्रयागराज निवासी आलोक की मुख्य धमनी (एऑर्टा) में करीब 8 सेंटीमीटर लंबा फटाव हो गया था। यह फटाव दिल के पास से शुरू होकर पेट तक फैला हुआ था, जबकि सामान्य एऑर्टा का व्यास महज़ 2.5 से 3 सेंटीमीटर होता है। जरा सी लापरवाही उसकी तुरंत मौत का कारण बन सकती थी।

‘फ्रोजन एलीफेंट ट्रंक’ तकनीक


इस अनोखी सर्जरी को फ्रोजन एलीफेंट ट्रंक (FET) प्रक्रिया कहा जाता है। इसमें एऑर्टा के खराब हिस्से को निकालकर नया ग्राफ्ट लगाया जाता है और दिमाग तक जाने वाली धमनियों को फिर से जोड़ा जाता है। खास आकृति वाले स्टेंटेड ट्यूब को लगाने के बाद खून का बहाव दोबारा सामान्य हो जाता है।

लक्षणों को किया नजरअंदाज

आलोक महीनों तक सीने में दर्द और सांस फूलने जैसी तकलीफ को हल्का समझकर अनदेखा करते रहे। लेकिन जब तकलीफ बढ़ी तो परिजनों ने उन्हें लखनऊ के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जांच में सामने आया कि यह मामला मार्फन सिंड्रोम से जुड़ा हो सकता है एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी जो शरीर की नसों और धमनियों को कमजोर कर देती है।

महाधमनी (Aorta) रोग कई वजहों से हो सकता है

  • उच्च रक्तचाप (High BP)
  • परिवार में किसी को पहले से यह बीमारी होना (आनुवंशिक कारण)
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल
  • धमनियों में सूजन या इन्फेक्शन
  • धूम्रपान करने की आदत या उसका पुराना इतिहास

महाधमनी रोग का पता कैसे लगाया जाता है?

  • तीव्र (Acute) और पुरानी (Chronic) महाधमनी रोग का परीक्षण और इलाज
  • खून की धमनियों की जांच के लिए डॉपलर अल्ट्रासाउंड, सीटी एंजियोग्राफी (CTA) और इकोकार्डियोग्राफी (TTE) जैसी जांचें।
  • सर्जरी से पहले की पूरी तैयारी और मूल्यांकन।
  • ऑपरेशन के बाद की नियमित देखभाल और निगरानी।

कुछ संभावित उपाय इस प्रकार हैं

गले में खराश होने पर समय पर जांच कराएं

गले में खराश (स्ट्रेप थ्रोट) का सही इलाज न किया जाए तो यह रूमेटिक बुखार में बदल सकता है, जो हृदय के वाल्व को नुकसान पहुंचा सकता है। आमतौर पर स्ट्रेप थ्रोट का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से किया जा सकता है। रूमेटिक बुखार खासकर बच्चों और युवाओं में अधिक होता है।

हृदय को स्वस्थ रखें

हृदय रोग के जोखिम कारकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और जानें कि उन्हें कैसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस से जुड़े हो सकते हैं।

दांत और मसूड़ों की सही देखभाल करें

मसूड़ों की सूजन (जिंजिवाइटिस) और हृदय संक्रमण (एंडोकार्डिटिस) के बीच संबंध होता है। एंडोकार्डिटिस महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस का एक जोखिम कारक हो सकता है, इसलिए दांतों और मसूड़ों की सफाई और देखभाल जरूरी है।