
early signs of diabetes and how to detect it
नई दिल्ली : हमारी बिगड़ती जीवनशैली के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन गया है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डाइबिटीज़ यानी मधुमेह। डाइबिटीज़ भले ही एक सामान्य बीमारी हो। लेकिन एक बार किसी को हो जाए तो ज़िंदगीभर उसका साथ नहीं छोड़ती। किसी समय में यह बीमारी सिर्फ 50 साल से ऊपर के लोगों को होती थी। लेकिन आज हर कोई इससे ग्रस्त है। यहा यह ध्यान देने वाली बात है कि अगर मरीज़ अपनी जीवनशैली और खानपान का ख्याल रखे तो डाइबिटीज़ को संतुलित रखा जा सकता है। शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स के सीनियर रेटिना कंसल्टेंट डॉ सिद्धार्थ सेन ने मधुमेह के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के तरीके साझा किए | अपने सुझाव देते हुए उन्होंने बताया मधुमेह वाले लोगों को लगातार रहने वाली समस्याओं में से एक दृष्टि का धुंधला होना है। उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया । डॉ सेन ने कहा हमारे शरीर के अन्य ऊतकों की तरह ही हमारी आंखों के लेंस भी मानव शरीर रचना में रक्त शर्करा के उच्च स्तर के कारण बहुत अधिक तरल पदार्थ खींचते हैं, इससे हमारी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। डॉ सेन ने बताया कि मधुमेह के कारण ग्लूकोमा भी हो सकता है। मधुमेह आखों के रेटिना में नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण का कारण भी बन सकता है।
मधुमेह के लक्षण
हर किसी को मधुमेह के कुछ लक्षणों का पता होना जरूरी है। इसके कई ऐसे आम से दिखने वाले लक्षण होते हैं, जिन पर अगर आप समय रहते ध्यान देते हैं। तो इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह के ऐसे ही
कुछ लक्षण इस प्रकार हैं
1. बार-बार पेशाब लगना।
2. लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना।
3. बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना।
4. घाव का जल्दी न भरना।
5. गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
6. आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
7. वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना।
8. लगातार थकान या कमज़ोरी महसूस होना।
9. ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगना।
10. व्यवहार में चिड़चिड़ापन होना।
इसमें से अगर लक्षण आपको अपने शरीर में दिखे तो एक बार डायबिटीज़ की जांच ज़रूर कराएं। ये भी पढ़ें , ब्लड शुगर को कम करते हैं ये हेल्दी ड्रिंक्स जाने इसके फायदे
मधुमेह से बचने का उपाय
1. प्री-डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने से 30 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट को कम कर देना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें की डाइट के लिए कार्बोहाइड्रेट आवश्यक नहीं है बल्कि प्रोटीन और फैट आवश्यक है।
1. इंटरमीटेंट फास्टिंग अपनाएं। यह तरीका फैट को तोड़ने का काम करेगा और साथ ही इंसुलिन प्रतिरोध की स्थिति को भी उलटने में मदद करेगा।
3. प्री-डायबिटीक मरीजों का शारिरिक गतिविधि करना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। हर दिन 1000 कदम चलें और 45 मिनट तक योगाभ्यास करें।
Updated on:
21 Dec 2021 06:10 pm
Published on:
14 Nov 2021 08:07 pm
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