7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Early Signs of Kidney Disease: हाथ-पैरों में नजर आएं ये संकेत, तो समझ लें किडनी हो रही है कमजोर

Early Signs of Kidney Disease: किडनी की बीमारी की पहचान शुरुआत में मुश्किल हो सकती है, लेकिन हाथ और पैरों में कुछ अहम संकेत नजर आने लगते हैं। तो आइए जानते हैं ऐसे 7 शुरुआती लक्षण और समय पर इसका जांच क्यों जरूरी है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Aug 08, 2025

Early Signs of Kidney Disease

Early Signs of Kidney Disease

Early Signs of Kidney Disease: किडनी की बीमारी शुरू में धीरे-धीरे असर दिखाती है, इसलिए ज्यादातर लोगों को इसका पता ही नहीं चलता। लेकिन अगर आप अपने हाथ और पैरों पर ध्यान दें, तो कुछ जरूरी संकेत दिखने लगते हैं जो बताते हैं कि किडनी में कुछ गड़बड़ हो रही है। अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो सही इलाज शुरू करके बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। यहां जानिए वो 7 अहम लक्षण, जो हाथों और पैरों में नजर आते हैं जब किडनी कमजोर होने लगती है।

हाथ-पैरों में सूजन आना

जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में पानी जमा होने लगता है। इससे हाथ, पैर, टखने और पिंडलियों में सूजन आने लगती है। इस सूजन को डॉक्टर एडिमा कहते हैं। त्वचा में ऐसा महसूस होता है जैसे कुछ भारीपन है और उंगली दबाने पर गड्ढा बन जाता है। ये किडनी खराब होने का सबसे शुरुआती संकेत हो सकता है। अगर इसे अनदेखा किया गया, तो सूजन आंखों और चेहरे तक भी पहुंच सकती है।

हाथ-पैर फूलना या फूले हुए दिखना

जब शरीर में पानी जम जाता है, तो हाथ और पैर फूले हुए लगते हैं। सुबह उठते समय या लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने पर ये सूजन और भी साफ दिखती है। अगर बिना किसी वजह के आपके हाथ या पैर बड़े और भारी लगने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। यह सूजन चलने-फिरने में दिक्कत और जकड़न भी पैदा करती है।

त्वचा का रंग और बनावट बदलना

किडनी जब सही तरीके से शरीर का कचरा नहीं निकाल पाती, तो इसका असर त्वचा पर भी दिखने लगता है। हाथ-पैर की त्वचा रूखी, खुजलीदार, पपड़ी जैसी हो सकती है। कुछ लोगों को पीली या भूरी त्वचा भी हो जाती है। ये बदलाव शरीर में खून का प्रवाह और मिनरल संतुलन बिगड़ने से होते हैं।

पैरों में मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी

किडनी हमारे शरीर में पोटैशियम, कैल्शियम और सोडियम का संतुलन बनाए रखती है। जब ये संतुलन बिगड़ता है, तो पैरों में मरोड़, झटके और कमजोरी महसूस होती है। ये मांसपेशियों में ऐंठन अक्सर रात को सोते समय होती है और बहुत दर्द देती है। अगर हाथ-पैर सुन्न होने के साथ-साथ मरोड़ भी हो रही है, तो ये संकेत नजरअंदाज न करें।

नाखूनों में बदलाव

किडनी की बीमारी में अक्सर हाथ और पैरों के नाखूनों में भी बदलाव दिखते हैं। कुछ लोगों के नाखूनों में ऊपर सफेद और नीचे भूरे रंग का फर्क साफ दिखता है, जिसे हाफ एंड हाफ नेल्स कहा जाता है। इसके अलावा नाखूनों का रंग पीला या फीका भी हो सकता है। ये बदलाव अक्सर शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया के कारण होते हैं, जो किडनी के मरीजों में आम बात है।

उंगलियों और पंजों में ठंडापन या सुन्नपन

जब किडनी कमजोर होती है, तो खून का प्रवाह कम हो जाता है। इसके कारण हाथों की उंगलियां और पैरों के पंजे ठंडे या सुन्न महसूस होते हैं। झनझनाहट या चुभन जैसा अहसास भी हो सकता है। अगर ये समस्या लगातार बनी रहे या बिना किसी वजह के हो, तो ये नर्व डैमेज और किडनी से जुड़ी गंभीर परेशानी हो सकती है।

हाथ-पैरों में लगातार खुजली रहना

जब किडनी शरीर का कचरा नहीं निकाल पाती, तो खून में गंदगी जमा हो जाती है। इसका असर त्वचा पर खुजली के रूप में दिखता है। अगर आपके हाथ या पैर इतने ज्यादा खुजला रहे हैं कि नींद और दिनचर्या प्रभावित हो रही है, तो ये लक्षण बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। यह किडनी खराब होने का सीधा संकेत हो सकता है।