
Man Vaccinated Against COVID-19 217 Times, Has No Side Effects
जर्मनी में एक बुजुर्ग व्यक्ति की अनोखी कहानी आई सामने, जिन्होंने 29 महीनों में 217 बार कोविड-19 (Covid-19) की वैक्सीन लगवाई है। इस अनोखी गवाही ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। उनके शरीर में कोई अवांछित प्रभाव नहीं हुआ और न ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हुई। अब वैज्ञानिक इस अनोखे मामले की जाँच कर रहे हैं। यह घटना वैक्सीन की प्रभावकारिता पर नए सवाल उठाती है।
म्यूनिख और वियना के अस्पतालों में एक अजीब घटना की खबर सामने आई है। जहां एक व्यक्ति ने कोविड-19 (Covid-19) के टीके को 217 बार लगवाया है। यह खबर न केवल वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है, बल्कि अस्पतालों के डॉक्टरों को भी उत्सुकता से भरा है। वे इस अद्भुत मामले की जांच के लिए व्यक्ति से संपर्क किया हैं और उन्हें अपने अस्पताल में आमंत्रित किया है। डॉक्टरों का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि इस प्रकार के अनोखे टीके लगाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) पर कैसा असर पड़ता है।
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कोविड-19 (Covid-19) के बारे में नई चर्चाओं का आधार बनते हुए, अब विशेषज्ञों का एक नया पहलू सामने आ रहा है। उन्हें यह जानना है कि कोविड-19 (Covid-19) के बूस्टर डोज को कितने दिनों में लगवाना चाहिए। इस विषय पर कुछ अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि टी-सेल्स की कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाएं बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं के संपर्क में रहने से कमजोर हो सकती हैं। जर्मन व्यक्ति की अनोखी घटना इम्यून सिस्टम (Immunity) की कमजोरी के संकेत के रूप में विशेषज्ञों के ध्यान में है।
वैक्सीनेशन का मुख्य उद्देश्य होता है व्यक्ति को रोग प्रतिरोधक (Immunity) बनाना। इसमें शरीर को एक या अधिक रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं के हिस्से या उनके अंशों को प्रदान किया जाता है, ताकि उसकी कोशिकाएं उन्हें पहचान सकें और इसके खिलाफ प्रतिक्रिया करें। इस प्रकार, शरीर बीमारी के साथ लड़ने के लिए तैयार होता है। लेकिन अगर एक ही तरह के एंटीजन के संपर्क में बार-बार आता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर हो सकती है, जिससे इम्यून सिस्टम की कमजोरी हो सकती है।
शख्स की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया
वैक्सीन के प्रयोग से जुड़े नवीनतम अनुसंधान में एक रोचक खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने 214वीं से 217वीं वैक्सीन डोज के बाद रक्त और लार के नमूने इकट्ठा किए और इस शख्स की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया। उनका इम्युन सिस्टम उन लोगों की तरह था, जिन्होंने स्टैंडर्ड तीन डोज सीरीज ली थी। यह अनुसंधान वैक्सीनेशन के प्रभाव को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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पुलिस ने एक अनोखे मामले की जांच शुरू की
पुलिस ने एक अनोखे मामले की जांच शुरू की, जिसमें धोखाधड़ी का आरोप लगा रहा था। वैक्सीनेशन के संदर्भ में एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगा रहे थे। इस जांच में सामने आया कि उस व्यक्ति ने नौ महीनों में 130 वैक्सीन लगवाई थीं, लेकिन किसी भी आपराधिक आरोप की पुष्टि नहीं हुई थी। अब शोधकर्ताओं की ध्यानाकर्षण में आया कि उसने और भी 87 अतिरिक्त वैक्सीन लगवाई थीं, जिसके साथ अलग-अलग फॉर्मूला था। यह मामला समाज के लिए एक चिंताजनक मुद्दा है।
ओवरडोज के खतरों को लेकर नई रिसर्च और केस स्टडी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। 'द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज' जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन बताता है कि ओवरडोज किसी भी चीज का हानिकारक हो सकता है। हाल ही में विटामिन-डी की ओवरडोज से मौत की घटना ने इस बात को और भी स्पष्ट किया। इसके साथ ही, कोरोना वैक्सीन की ओवरडोज के भी खतरे को दिखाता हुआ जर्मन शख्स का मामला भी सामने आया है। इस अध्ययन से जुड़े कई जानकारियां देने वाले किलियन शॉबर ने हाइपरवैक्सीनेशन के खतरों पर चिंताजनक प्रक्रिया को समझाया है।
क्लिनिकल टेस्टिंग में हाइपरवैक्सीनेशन से जुड़ी किसी तरह की असमान्यता या दुष्प्रभाव सामने नहीं आया। उस शख्स का इम्यून सिस्टम भी बिल्कुल नॉर्मल था। उसकी प्रतिरोधक क्षमता भी कम नहीं हुई। हालांकि वैक्सीनेशन से उसके खून में एंटीबॉडी लेवल बढ़ गया था, जो अब घटकर सामान्य स्तर पर आ गया है।
Updated on:
06 Mar 2024 04:07 pm
Published on:
06 Mar 2024 04:00 pm
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