
Good News for Diabetics Smart Insulin Offers New Hope Controls Blood Sugar on Its Own
Good News for Diabetics : मधुमेह एक वैश्विक समस्या बन चुकी है, जिससे दुनिया भर में 50 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं। हर साल लगभग 70 लाख लोगों की इस रोग के कारण मौत हो जाती है। मधुमेह (Diabetics) को शरीर में ब्लड शुगर लेवल की बढ़ोतरी से पहचाना जाता है, और पिछले कुछ दशकों में इस रोग की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है।
मधुमेह दो प्रकार का होता है:
टाइप 1 मधुमेहType 1 diabetes : इस प्रकार में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता। यह समस्या आमतौर पर बचपन से शुरू होती है।
टाइप 2 मधुमेहType 2 Diabetes : इस प्रकार में शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जिससे ज्यादा मात्रा में इंसुलिन की जरूरत होती है।
मधुमेह (Diabetics) के दोनों प्रकारों में मरीजों को कृत्रिम इंसुलिन का सेवन करना पड़ता है। हालांकि, इसका एक बड़ा जोखिम यह है कि रक्त में शुगर का स्तर स्थिर नहीं होता है। यदि शरीर में ज्यादा इंसुलिन हो जाए तो शुगर का स्तर अत्यधिक कम हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए, मरीजों को निरंतर अपने ब्लड शुगर की निगरानी करनी पड़ती है और इंसुलिन की खुराक को समायोजित करना पड़ता है।
विज्ञान ने अब एक नई उम्मीद दी है। शोधकर्ताओं ने "(Smart insulin)" नामक एक नई इंसुलिन विकसित की है जो ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर खुद को सक्रिय या निष्क्रिय करती है। इसे NNC2215 नाम दिया गया है। यह इंसुलिन ग्लूकोज के स्तर में परिवर्तन को पहचान कर अपने रूप में बदलाव करती है।
NNC2215 इंसुलिन में दो हिस्से होते हैं - एक रिंग जैसी संरचना और एक ग्लूकोज जैसे आकार का अणु जिसे ग्लूकोसाइड कहा जाता है। जब ब्लड शुगर का स्तर कम होता है, तो यह ग्लूकोसाइड रिंग से बंध जाता है और इंसुलिन को निष्क्रिय रखता है। लेकिन जब ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है, तो ग्लूकोसाइड की जगह ग्लूकोज आ जाता है, जिससे इंसुलिन सक्रिय हो जाता है और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित होता है।
शोधकर्ताओं ने चूहों और सूअरों में NNC2215 इंसुलिन की प्रभावशीलता की जांच की और पाया कि यह इंसान के इंसुलिन की तरह ब्लड शुगर को कम करने में सक्षम है। अब इस इंसुलिन का परीक्षण इंसानों पर किया जाएगा।
हालांकि यह इंसुलिन एक बड़ी सफलता है, लेकिन अभी इसमें कुछ चुनौतियां हैं। NNC2215 का असर अचानक और तीव्र होता है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य इसे और अधिक सहज और धीमी गति से सक्रिय होने वाला बनाना है, ताकि इंसुलिन का स्तर धीरे-धीरे बढ़े और यह ब्लड शुगर पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करे।
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इस शोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, डायबिटीज यूके की रिसर्च डायरेक्टर डॉ. एलिज़ाबेथ रॉबर्टसन ने कहा, “यह शोध मधुमेह (Diabetics) से पीड़ित लाखों लोगों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद जगाता है।”
स्मार्ट इंसुलिन (Smart insulin) का विकास मधुमेह (Diabetics) के उपचार में एक बड़ा कदम हो सकता है। यदि यह तकनीक सफल होती है, तो यह मधुमेह रोगियों के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
Updated on:
19 Oct 2024 11:30 am
Published on:
19 Oct 2024 09:56 am
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