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पेट के बैक्टीरिया मोटापे को बढ़ा सकते हैं, लेकिन पुरुषों और महिलाओं प्रभाव अलग

नए शोध में पाया गया है कि आंतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया मोटापे (Obesity) की शुरुआत और विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, ये बैक्टीरिया पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग तरह से काम करते हैं. ये पोषक तत्वों के पाचन को प्रभावित कर सकते हैं और इस कारण आंतों में विशेष अणुओं को पैदा कर सकते हैं, जो मोटापे (Obesity) जैसी बीमारियों के विकास को प्रभावित करते हैं.

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Gut Bacteria Linked to Obesity, But It Affects Men and Women Different

एक नए शोध में पाया गया है कि आंतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया मोटापे (Obesity) की शुरुआत और विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, ये बैक्टीरिया पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग तरह से काम करते हैं. ये पोषक तत्वों के पाचन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे आंतों में विशेष अणु बनते हैं और ये अणु मोटापे (Obesity) जैसी बीमारियों के विकास को प्रभावित करते हैं.

यह अध्ययन 'यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ओबेसिटी' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

आंतों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और प्रोटोजोआ) का एक जटिल समुदाय होता है, जिसे आंतों का माइक्रोबायोटा कहते हैं. इस समुदाय में किसी भी तरह की गड़बड़ी (डिसबायोसिस) सेहत को खराब कर सकती है, खासकर मोटापे (Obesity) का खतरा बढ़ा सकती है. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं था कि कौन से बैक्टीरिया मोटापे (Obesity) का खतरा ज्यादा बढ़ाते हैं और ये बैक्टीरिया हमारी सेहत को कैसे प्रभावित करते हैं.

इसी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने स्पेन की आबादी पर शोध किया. उन्होंने मल में पाए जाने वाले तत्वों (मेटाबोलोमिक डेटा) और आनुवंशिक जानकारी (मेटाजीनोमिक डेटा) का विश्लेषण किया. मल में पाए जाने वाले तत्वों का विश्लेषण कर के यह पता लगाया जा सकता है कि आंतों में मौजूद बैक्टीरिया किस तरह से भोजन को पचाते हैं और इससे कौन से पदार्थ बनते हैं.

शोध में स्पेन के 361 वयस्क शामिल थे (251 महिलाएं और 110 पुरुष, औसत आयु 44 वर्ष). इन लोगों को उनके मोटापे के स्तर के हिसाब से दो भागों में बांटा गया था. शोधकर्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि दोनों समूहों में उम्र और ***** का बराबर प्रतिनिधित्व हो.

शोधकर्ताओं ने मल के नमूनों का आनुवंशिक विश्लेषण किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन लोगों की आंतों में कौन-कौन से बैक्टीरिया पाए जाते हैं और उनकी मात्रा कितनी है.


अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों का मोटापा ज्यादा था, उनकी आंतों में Christensenella minuta नाम का बैक्टीरिया बहुत कम मात्रा में पाया गया. यह बैक्टीरिया वजन कम रखने और सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.

पुरुषों में, Parabacteroides helcogenes और Campylobacter canadensis नामक बैक्टीरिया की मात्रा ज्यादा होने का संबंध शरीर के मास इंडेक्स (BMI), चर्बी और कमर के मोटाई से पाया गया.

दूसरी तरफ, महिलाओं में तीन तरह के बैक्टीरिया - Prevotella micans, Prevotella brevis और Prevotella sacharolitica - की मात्रा ज्यादा होने का संबंध शरीर के मास इंडेक्स (BMI), चर्बी और कमर के मोटाई से पाया गया, लेकिन पुरुषों में ऐसा नहीं देखा गया.

शोधकर्ताओं ने खून में पाए जाने वाले विभिन्न पदार्थों का भी विश्लेषण किया. जिन लोगों का मोटापा ज्यादा था, उनके खून में कुछ खास तरह के वसा (फॉस्फोलिपिड्स और स्फिंगोलिपिड्स) ज्यादा मात्रा में पाए गए. ये वसा मोटापे जैसी बीमारियों और शरीर में सूजन से जुड़े होते हैं.

(एएनआई)