scriptआप ख़ुश क्यों नहीं है ? | Habits which can steal your happiness | Patrika News

आप ख़ुश क्यों नहीं है ?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 12, 2021 09:35:00 pm

Submitted by:

Shekhar Suman

हमारी खुशियों को किसकी नज़र लग जाती है ? कहीं इसके जिम्मेदार आप खुद या आपकी आदतें तो नहीं हैं ?

Why our happiness are running away from us

Habits which make us sad

जीवन में अगर खुशियां ना हो तो क्या हम जीवित हैं ? अगर ज़िन्दगी में खुशियां ना हो तो क्या हम सामाजिक प्राणी हैं? बहुत बार यह होता है कि धन, दौलत, परिवार , अच्छा जीवनसाथी और सब कुछ होते हुए भी हम खुश नहीं रह पाते या यूं कहें कि हमें खुशियां महसूस नहीं होतीं। हमारे जीवन में खुशियों का ना होना या होते हुए महसूस ना हो… तो इस बारे में सोचें जरूर कि कहीं इसके लिए हम खुद ही तो जिम्मेदार नहीं हैं। प्रतिदिन हम खुश होने के छोटे-छोटे तरीके ढूंढते हैं मगर यह भूल जाते हैं कि अगर हम दुखी हैं तो इसके लिए हम खुद कितने जिम्मेदार हैं। हम हमेशा खुद के दुखी होने के लिए दूसरों पर दोषारोपण करते हैं मगर खुद के अंदर झांक कर एक बार भी नहीं देखते कि हमारी वो कौन सी आदतें हैं जो हमें हमारी खुशियों से दूर कर रही हैं। इसे भी पढ़े : टेंशन है तो नहीं करें चीनी का उपयोग, तनाव को करें ऐसे दूर
हमारी वो कौन सी आदतें हैं जिसके कारण खुशियां हमसे दूर चली जाती हैं।

खुश होने के समय का इंतजार


हम हमेशा खुश होने के लिए समय और जगह का इंतजार करते हैं मगर यह भूल जाते हैं कि गुजरा हुआ समय कभी वापस नहीं आता है इसलिए यह बहुत जरुरी है कि समय और जगह का इंतज़ार ना करते हुए आई हुई छोटी से छोटी खुशी का दिल से स्वागत करें और ज़िन्दगी को जिएं। यह बिलकुल भी ना सोचें कि अगर ज़िन्दगी में यह सफलता मिलेगी तब खुश होंगे या पार्टी करेंगे। आने वाले समय में फिर से खुश हो जाना मगर जो एक छोटा सा मौका मिला है, उसे बिलकुल ना गवाएं। देखे : हॉलीवुड की खूबसूरत मॉडल Kylie Jenner Photos के हॉट फोटोज़

अपने जीवन में खुद से ज़्यादा दूसरों को प्राथमिकता देना

इंसान एक सामाजिक प्राणी जरूर है मगर हमेशा खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचना अच्छी बात नहीं है। आप दूसरों का ख्याल रखें लेकिन साथ-साथ खुद को भी तवज्जो दें। अगर आप खुश होंगे तभी दूसरों के जीवन में खुशियां लुटा पाएंगे। वो कहते हैं ना कि भूखे पेट भगवान का भी सिमरन नहीं होता, ठीक उसी तरह अगर आप खुश नहीं होंगे तो खुशियां बांट भी नहीं पाएंगे।

हमेशा सोचते रहने के कारण मानसिक शांति का ना होना

एक पुरानी कहावत है – चिंता चिता के समान होती है इसलिए हमेशा सोचना बंद करें। जीवन में अगर परेशानियां हैं तो उनका समाधान भी होगा, बस जरुरत है उन्हें समझने की और उनका हल ढूंढने की। एक बार जो समय चला गया वो वापस नहीं आता इसलिए खुश रहें और ज़्यादा ना सोचें।

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अपनी खुशी के लिए आत्मनिर्भर ना होना

अगर घर वाले साथ होंगे तो मैं पार्टी कर लूंगा ! अरे नहीं यार, आज बीवी / गर्ल फ्रेंड साथ में नहीं है इसलिए बाद में एन्जॉय करते हैं। खुश होने के लिए पलों की जरुरत होती है, दूसरों की नहीं। यह बिलकुल सही है कि खुशी के पलों में अगर अपनों का साथ हो तो खुशियां दोगुनी हो जाती हैं मगर यह भी सोचें कि जब अपनों को यह पता चलेगा कि आपने उनके ना होने के कारण खुशी के पलों को जाने दिया तो उन्हें कितनी ग्लानि होगी।

नई चीजे और नये प्रयोग से डरना

जब भी आप अपनी ज़िन्दगी में नई चीज़ो को करते हैं तो यह खुशियों के पल भी अपने साथ ले कर आती हैं। नई चीज़ को करने से आप आंतरिक खुशी भी महसूस करते हैं। इसलिए जीवन में नई चीज़ें और नए प्रयोग करने से बिलकुल भी ना झिझकें।
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