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शोध के अनुसार, मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीडि़त व्यक्ति नाशपाती का नियमित सेवन करते हैं, तो उनमें रक्तचाप और संवहनी क्रियातंत्र दुरुस्त रहता है। मेट्स हृदय रोग के मुख्य कारकों का एक समूह है, जो टाइप 2 मधुमेह और दिल की बीमारी संबंधित है।
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दुनिया के सबसे लोकप्रिय फलों में शुमार नाशपाती फाइबर और विटामिन-सी का बहुत अच्छा श्रोत है। नाशपाती की मात्र 100 कैलोरी खुराक प्रतिदिन फाइबर की 24 प्रतिशत जरूरत पूरी करती है। इस शोध के लिए 45 से 65 वर्ष आयुवर्ग के 50 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया था, जिनमें पांच में से तीन प्रतिभागी मेट्स रोग से पीडि़त थे।
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एक अध्ययन के मुताबिक इसके प्रारंभिक परिणाम बहुत ही आशाजनक है, और हमें लगता है कि प्रभावित मध्य आयु वर्ग के वयस्कों में हृदय जोखिम कारकों में सुधार के लिए नाशपाती और अन्य खाद्य पदार्थों की क्षमता का पता लगाना जरूरी है।
पथरी की समस्या में
पथरी की समस्या वाले व्यक्ति को नाशपाती का सेवन करना चाहिए। एक गिलास नाशपाती का जूस रोज 2-3 सप्ताह तक पीने से पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
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भूख न लगने की स्थिति में
नाशपाती को काटकर उसके टुकड़ों पर सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खाना चाहिए। इसे खाने से भूख लगने लगेगी।
Web Title: Amazing Benefits of pear in diabetes and heart diseases