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अगर पथरी और माइग्रेन की समस्या से परेशान हैं तो अपनाएं यह देसी नुस्खा

locationजयपुरPublished: Aug 06, 2020 04:10:49 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

आयुर्वेद में दूध को उत्तम आहार माना गया है लेकिन इसकी औषधीय क्षमता तब और बढ़ जाती है जब इसे तुलसी के साथ लिया जाए।

अगर पथरी और माइग्रेन की समस्या से परेशान हैं तो अपनाएं यह देसी नुस्खा

अगर पथरी और माइग्रेन की समस्या से परेशान हैं तो अपनाएं यह देसी नुस्खा

आयुर्वेद में तुलसी के गुणों का विस्तार से वर्णन किया गया है। एंटीबाोटिक होने के साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उसे कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से लडऩे में सक्षम बनाती है। दूध के भी अलग-अलग गुणों का वर्णन आयुर्वेद मेंं मिलता है। विशेषकर ठंडे और गर्म दूध के अलग-अलग फायदों के अलावा इसे किन चीजों के साथ लेने पर यह ज्यादा फायदेमंद है इसकी भी जानकारी है। बात करें और तुलसी और दूध की तो दोनों का एक साथ उपयोग करना काफी लाभदायक है। चूंकि तुलसी की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। सर्दी-जुकाम होने या वायरल फीवर से उबरने के लिए चाय में तुलसी की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है।
सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है। आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है। तुलसी की जड़, शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना औषधीय महत्व है। आमतौर पर तुलसी देखने को मिलती हैं, एक जिसकी पत्तयिों का रंग गहरा होता है औ दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है। यौन-रोगों की दवाइयां बनाने में तुलसी खास तौर पर इस्तेमाल की जाती है। तुलसी के अचूक फायदे इस प्रकार हैं-
01. यौन रोगों के इलाज में
पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
02. अनियमित पीरियड्स की समस्या में
अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत होती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का भी नियमित उपयोग किया जा सकता है।
03. सर्दी में खास लाभदायक
अगर आपको सर्दी या हल्का बुखार महसूस हो रहा है तो मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से फायदा होता है। आप चाहें तो इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं।
04. दस्त होने पर असरदार
अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का इलाज आपको लाभ देगा। तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें, इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें। ऐसा करने से दस्त रुक जाते हैं।
05. सांस की दुर्गंध दूर करने में
सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है। अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें, ऐसा करने से दुर्गंध चली जाती है।
06. चोट लग जाने पर
अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।
07. चेहरे की चमक के लिए
त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर फायदेमंद है। इसके इस्तेमाल से कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा साफ होता है।
08. कैंसर के इलाज में भी: हाल के कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
लेकिन सिर्फ सर्दी-जुकाम ही नहीं तुलसी की पत्तियों को रोजाना दूध में उबालकर पीने से भी बहुत लाभ होते हैं। एंटीबायोटिक और पौष्टिक आहार के इस मिश्रण से कई बड़े रोगों में राहत मिलती है, आइए डालते हैं इस पर एक नजर-
09. दमा रोग में कारगर
यदि आप सांस संबंधी समस्या दमा जैसे किसी रोग से परेशान हैं तो दूध के साथ तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीएं। ऐसा करना दमा रोगियों को फायदा होगा।
10. माइग्रेन में दे आराम
दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। नियमित रूप से तुलसी दूध का सेवन करने से इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
11. अवसाद से उबारने में मददगार
ऑफिस की टेंशन हो या काम के बोझ की वजह से अगर आप तनाव या डिप्रेशन से घिरे रहते हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबाल पीएं। इसे पीने से मानसिक तनाव और चिंताएं दूर होती हैं।
12. पथरी में रामबाण है तुलसी
अगर किसी व्यक्ति को पथरी की समस्या है तो उसे नियमित रूप से खाली पेट तुलसी दूध पीना चाहिए। ऐसा करने से किडनी के पथरी की समस्या और दर्द दूर होता है।
13. इम्यूनिटी बढ़ाए, रोगों से बचाए
तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होने से ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण भी मौजूद होते हैं, जो सर्दी, खांसी व जुकाम से व्यक्ति को दूर रखते हैं। क्योंकि कोरोना वायरस एक फ्लू वायरस ही है इसलिएयह इम्यूनिटी बढ़ाकर कोरोना के संक्रमण से बचाने में भी मदद करती है।
तुलसी दूध बनाने के लिए सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध में 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उबलने दें। जब दूध एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें। दूध हल्का गुनगुना होने पर इसे पीएं। इस दूध के नियमित सेवन से ही इन बीमारियों से निजात मिल सकती है।
डिसक्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। राजस्थान पत्रिका इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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