scriptWarm Vaccine News: भारत की वार्म वैक्सीन कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी | India's warm vaccine effective against all variants of corona virus | Patrika News

Warm Vaccine News: भारत की वार्म वैक्सीन कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी

Published: Jul 16, 2021 10:05:43 pm

Submitted by:

Deovrat Singh

Warm vaccine: कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सभी लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले रहे हैं। वैक्सीन की कमी के चलते भारत सरकार ने अन्य कंपनियों को भी देश में वैक्सीन बेचने की मंजूरी दे दी है।

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Warm vaccine: कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सभी लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले रहे हैं। वैक्सीन की कमी के चलते भारत सरकार ने अन्य कंपनियों को भी देश में वैक्सीन बेचने की मंजूरी दे दी है। देश में अब तक लग रही वैक्सीन बहुत कम तापमान पर रखी जाती है, लेकिन भारत की वॉर्म वैक्‍सीन, 100 डिग्री पर भी सुरक्षित रह सकती है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु द्वारा विकसित यह वैक्सीन कोरोना के सभी चिंताजनक वैरिएंट (जैसे- अल्फा, बीटा, कप्पा, डेल्टा) के खिलाफ प्रभावी है। एसीएस इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित इस शोध दावा किया गया है कि आईआईएससी-इनक्यूबेटेड बायोटेक स्टार्ट-अप मायनवैक्स द्वारा वैक्सीन फार्मूले ने चूहों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित की है।

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यह ‘वॉर्म’ वैक्सीन कोरोना वायरस के तमाम वेरिएंट के खिलाफ शरीर में ऐंटीबॉडी बनाने में कारगर रही है। इस वैक्सीन को वॉर्म यानी गर्म इसलिए कहा जा रहा है कि यह 90 मिनट तक सौ डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी सुरक्षित रह सकती है। साथ ही 37 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहती है। यह खोज कोरोना वैक्सीन के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकती है। आपको बता दें कि इस खोज को प्रोफेसर राघवन वरदराजन के नेतृत्व में किया गया था।

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यह वैक्सीन फॉर्मूलेशन 37 डिग्री सेंटीग्रेड पर एक महीने तक स्थायी रह सकता है और 100 डिग्री सेंटीग्रेड पर 90 मिनट तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसी के चलते फॉर्मूलेशन को वार्म वैक्सीन का नाम दिया गया है। अब तक किसी वैक्सीन को देश के किसी भी हिस्से में पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन का निर्माण करना पड़ता है। उसी के माध्यम से एक से दूसरे राज्य या शहरों तक इसे पहुंचाया जा रहा है। इसी के चलते लोगों तक अभी भी वैक्सीन पहुंच से बाहर है। ऐसे में वार्म वैक्सीन का फॉर्मूलेशन बनाने से टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी आयेगी।

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