
Karnataka Health Department Cracks Down on Artificial Food Coloring
Karnataka health department has banned artificial colours : कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में राज्यभर में चिकन कबाब, मछली और शाकाहारी खाद्य पदार्थों में कृत्रिम रंगों (Artificial colours) के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उठाया गया है, जिसमें सनसेट येलो और कार्मोसिन जैसे हानिकारक कृत्रिम रंगों के उपयोग को रोकने पर जोर दिया गया है।
आइए समझते हैं कि ये कृत्रिम रंग (Artificial colours) क्या हैं और इनका हैल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है।
कृत्रिम खाद्य रंग, जिन्हें सिंथेटिक खाद्य रंग (Synthetic food colours) भी कहा जाता है, ऐसे रंजक होते हैं जिन्हें भोजन और पेय पदार्थों की अच्छा दिखाने की अपील को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। ये पेट्रोलियम आधारित रसायनों से प्राप्त होते हैं और प्राकृतिक रंगों (Natural colours) की नकल करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
डॉ. जगदीश कथवटे, कंसल्टेंट नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ, मदरहुड अस्पताल, खराड़ी, पुणे ने बताया कि कृत्रिम खाद्य रंगों (Artificial food colours) का व्यापक उपयोग विभिन्न कंपनियों और निर्माताओं द्वारा अपने ब्रांड की ओर अधिक आकर्षण लाने के लिए किया जाता है। “ये कृत्रिम खाद्य रंग चॉकलेट बार, च्युइंग गम, जैम, चिप्स, फ्रॉस्टिंग, बेकरी आइटम जैसे केक और कपकेक, पॉप्सिकल्स और विभिन्न सॉस जैसे उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं,” ।
डॉ. कथवटे के अनुसार, “इन खाद्य रंगों में हानिकारक रसायन और योजक होते हैं जो व्यक्तियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इनमें बेंजिडीन, 4-एमिनोबिफिनाइल और 4-एमिनोआज़ोबेंजीन जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो कई प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।”
रेड 40 (Allure Red or INS129): कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं।
येलो 5 (Tartrazine or INS102): एलर्जी, चकत्ते, सूजन, एक्जिमा और पित्ती का कारण बन सकते हैं।
येलो 6 (Sunset Yellow or INS110): कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं।
ब्लू 1 (Brilliant Blue or INS133): पाचन तंत्र पर प्रभाव डाल सकते हैं।
ब्लू 2 (Indigo Carmine or INS132): पाचन तंत्र पर प्रभाव डाल सकते हैं और बच्चों में अति सक्रियता से जुड़े होते हैं।
ग्रीन 3 (Fast Green or INS143): हानिकारक हो सकते हैं।
अज़ोरुबिन (Carmoisine or INS122): कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं।
डॉ. कथवटे के अनुसार, “पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में कृत्रिम खाद्य रंग की उपस्थिति को डिकोड करने के लिए, पैकेट के पीछे देखें, जहां उपयोग किए गए सामग्री की सूची दी गई होती है। यह आपको यह समझने में मदद कर सकता है कि कौन से रंग और कितनी मात्रा में उपयोग किए गए हैं।”
डॉ. कथवटे ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक खाद्य रंग (सब्जियां, फल, मसाले, शैवाल और/या अन्य खाद्य प्राकृतिक स्रोत जैसे करक्यूमिन, काला कार्बन और कारामेल) से बने खाद्य उत्पादों का चयन करना चाहिए ताकि कृत्रिम खाद्य रंगों के सेवन से जुड़े जोखिम को रोका जा सके।
इस प्रकार, कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलेगी और लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है कि वे क्या खा रहे हैं।
Updated on:
27 Jun 2024 05:43 pm
Published on:
27 Jun 2024 05:42 pm
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