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Seasonal Influenza: फ्लू को लेकर इस राज्य में अलर्ट, गाइडलाइन जारी, फ्लू को हल्के में लिया तो पड़ सकता है भारी!

Seasonal Influenza: जनवरी-मार्च 2026 में इन्फ्लुएंजा के केस बढ़ सकते हैं। जानिए फ्लू के लक्षण, बचाव, किन लोगों को ज्यादा खतरा और सरकार ने अलर्ट क्यों जारी किया।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 22, 2025

Seasonal Influenza

Seasonal Influenza (photo- freepik)

Seasonal Influenza: आने वाले महीनों में मौसम बदलने के साथ सीजनल इन्फ्लुएंजा (फ्लू) के मामले बढ़ सकते हैं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को पहले से तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। यह चेतावनी नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की एडवाइजरी के बाद जारी की गई है, ताकि समय रहते संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

स्वास्थ्य विभाग ने जिलों से कहा है कि वे फ्लू जैसे लक्षण (ILI) और गंभीर सांस की बीमारी (SARI) पर खास नजर रखें। नियम के मुताबिक, ILI के 5% और SARI के 100% सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। ये जांच राज्य की 9 तय लैब्स में होगी, जिनमें बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), बेंगलुरु शामिल हैं।

इन्फ्लुएंजा क्या है और क्यों फैलता है?

इन्फ्लुएंजा एक वायरल संक्रमण है, जो खांसने, छींकने या संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। आमतौर पर यह बीमारी 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह खतरनाक भी साबित हो सकती है। इसके आम लक्षण हैं:

  • तेज बुखार
  • ठंड लगना और बदन दर्द
  • खांसी और गले में खराश
  • सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द
  • ज्यादा कमजोरी

किन लोगों को ज्यादा खतरा है?

स्वास्थ्य विभाग ने साफ कहा है कि कुछ लोग फ्लू से ज्यादा गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं, जैसे बुजुर्ग, छोटे बच्चे और शिशु, गर्भवती महिलाएं, पहले से बीमार या कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, हेल्थकेयर वर्कर्स शामिल है। इसीलिए इन लोगों के लिए फ्लू वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।

सरकार ने इतनी तैयारी क्यों की?

कई बार लोग फ्लू को मामूली सर्दी-खांसी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर समय पर इलाज न हो, तो यह निमोनिया, सांस की दिक्कत और अस्पताल में भर्ती होने की वजह बन सकता है। पिछले अनुभवों से यह भी सामने आया है कि जनवरी से मार्च के बीच इसके मामले तेजी से बढ़ते हैं। इसी खतरे को देखते हुए जिलों को ओसेल्टामिविर दवा, N95 मास्क और PPE किट, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिकल सुविधाएं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं।

बचाव कैसे करें?

  • खांसी-जुकाम होने पर मास्क पहनें
  • बार-बार हाथ धोएं
  • भीड़ से बचें
  • बुखार या खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
  • सरकारी पोर्टल IDSP- IHIP के जरिए समय पर रिपोर्ट करें

क्या यह बहुत खतरनाक है?

घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए। समय पर जांच, सही इलाज और सावधानी से इन्फ्लुएंजा को आसानी से काबू में रखा जा सकता है। सरकार की तैयारी का मकसद डर फैलाना नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षित रखना है।