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Low Blood Pressure : गर्मी में क्यों बढ़ जाती है Low BP की समस्या, जानें बचने के 3 आसान उपाय

Low Blood Pressure: गर्मी का मौसम चल रहा है। दिन ब दिन तापमान बढ़ रहा है। इसका असर सेहत पर भी पड़ रहा है। स्थानीय चिकित्सकों के यहां इससे जुड़ी समस्याएं लेकर लोग यहां आ रहे हैं। कोई निर्जलीकरण (पानी की कमी ) तो कोई लो ब्लड प्रेशर की शिकायत कर रहा है। यह स्थिति बहुत अधिक गर्मी के कारण उत्पन्न हो सकती है। अगर इसे समय पर पहचान कर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। आइये जानते हैं लो बीपी से बचने के उपाय (Low BP Upay In Summer)

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भारत

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Pravin Pandey

Apr 22, 2025

Low Blood Pressure Why does problem of low BP Upay In Summer

Low Blood Pressure Why does problem of low BP Upay In Summer: लो बीपी के उपाय

Low BP Upay In Summer: दरअसल, गर्मी के मौसम में शरीर अधिक पसीना छोड़ता है, जिससे पानी और खनिजों की कमी हो जाती है। इससे रक्त का वॉल्यूम घटता है और रक्त संचार में रुकावट आती है। इसका परिणाम यह होता है कि ब्लड प्रेशर में गिरावट आ जाती है, जिससे चक्कर आना, बेहोशी और अन्य गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। गंभीर मामलों में यह स्थिति 'हाइपोवोलेमिक शॉक' में बदल सकती है, जो अंगों को ऑक्सीजन से वंचित कर देता है और यह जीवन के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

गर्मी का बढ़ता असर: आंकड़ों से समझें खतरे को (Increasing effect of heat Understand danger from statistics)


भारत में भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल हीटवेव के दिनों की संख्या औसत से लगभग दोगुनी होने का अनुमान है। पिछले साल मार्च से मई तक हीट स्ट्रोक से 56 मौतें और 24,849 संदिग्ध मामले सामने आए थे। एक अध्ययन से यह भी खुलासा हुआ है कि पिछले एक दशक में गर्मी से होने वाली मौतों में 55% का इजाफा हुआ है। यह आंकड़े बताते हैं कि गर्मी से जुड़ी बीमारियों को हल्के में लेना अब बिल्कुल भी उचित नहीं है।

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अधिक जोखिम वाले लोग: कौन ज्यादा प्रभावित हो सकता है?

कुछ खास लोग इस स्थिति के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं, जैसे कि वृद्ध व्यक्ति, जिन्हें प्यास का एहसास कम होता है और वे पर्याप्त पानी नहीं पीते। इसके अलावा, बाहरी कामकाजी लोग, जैसे कि किसान, निर्माण श्रमिक और सड़क विक्रेता भी अधिक जोखिम में होते हैं क्योंकि वे लगातार गर्मी के संपर्क में रहते हैं और उनके पास पानी पीने का समय या सुविधा नहीं होती। जिन लोगों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी की समस्याएं हैं, वे भी इस स्थिति के शिकार हो सकते हैं, खासकर यदि वे ऐसे दवाइयाँ लेते हैं जो शरीर से अधिक पानी बाहर निकालती हैं।

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बचाव के उपाय: कैसे करें सुरक्षा (low bp treatment at home in hindi)


हाइड्रेशन (पानी की कमी को दूर करें) – सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण उपाय है शरीर को हाइड्रेट रखना। गर्मियों में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए, और अधिक गर्मी के दिनों में इससे भी ज्यादा। नारियल पानी और ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को भी पूरा करते हैं।

गर्मी से बचाव – दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इस दौरान सूर्य की तीव्रता सबसे अधिक होती है। हल्के कपड़े पहनें, छांव में रहें और पंखे या कूलिंग उपकरणों का उपयोग करें ताकि शरीर का तापमान कम रहे।

पानी की निगरानी – परिवार के सदस्य विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और उन लोगों का ध्यान रखें जिनके पास पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या हो। यह सुनिश्चित करें कि वे पर्याप्त पानी पी रहे हों और निर्जलीकरण के लक्षण नहीं दिखा रहे हों।

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गंभीर लक्षण: कब करें तुरंत चिकित्सकीय सहायता का परामर्श?

अगर किसी व्यक्ति को लगातार चक्कर आ रहे हों, दिल की धड़कन तेज हो रही हो, भ्रम की स्थिति हो, या बेहोशी का अनुभव हो, तो यह लो ब्लड प्रेशर या हीटस्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना बेहद जरूरी है।

भारत में गर्मियों का मौसम हर साल अधिक चुनौतीपूर्ण हो रहा है। निर्जलीकरण और लो ब्लड प्रेशर को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकते हैं। जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के साथ, इन स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ना तय है। इसलिए, जागरूकता और सावधानी से हम इन समस्याओं से बच सकते हैं और अपनी जान को सुरक्षित रख सकते हैं।