
Fatty Liver symptoms in women early seen: महिलाओं में फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण
Fatty Liver symptoms in women: आजकल लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां बहुत आम हो गई हैं, और फैटी लिवर भी उन्हीं में से एक है। फैटी लिवर का मतलब है लिवर में फैट या चर्बी ज्यादा जमा हो जाना। यह बीमारी आदमी और औरत दोनों को हो सकती है, लेकिन महिलाओं में एक खास समय ऐसा आता है जब इसका खतरा अचानक बढ़ जाता है – और वो है मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद का समय (Fatty Liver Disease)।
Fatty Liver Disease: आमतौर पर मर्दों को यह बीमारी ज्यादा होती है, लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में खतरा क्यों बढ़ता है? एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसकी एक वजह है हार्मोनल बदलाव। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोन का लेवल बदलता है, जैसे टेस्टोस्टेरोन (जो आमतौर पर मर्दों में ज्यादा होता है) का लेवल थोड़ा बढ़ सकता है और शायद यही एक वजह हो सकती है।
चलिए, इस बीमारी के बारे में कुछ और बातें जानते हैं:
फैटी लिवर की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि शुरुआत में इसके ज्यादातर लक्षण दिखते ही नहीं हैं। या तो बिल्कुल नहीं दिखते, या इतने हल्के होते हैं कि पता ही नहीं चलता। चाहे यह Nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) हो या Alcohol-associated liver disease (ALD), दोनों में यही होता है। (वैसे, 2023 में NAFLD का नया नाम Metabolic-Dysfunction Associated Steatotic Liver Disease (MASLD) हो गया है।)
बिना डॉक्टर की मदद के इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। कुछ लोगों को शायद थोड़ी बहुत थकान महसूस हो सकती है या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है।
अगर फैटी लिवर का ध्यान न रखा जाए, तो धीरे-धीरे लीवर सिकुड़ने लगता है और उस पर दाग पड़ने लगते हैं। इसे सिरोसिस (Cirrhosis) कहते हैं। यह एक गंभीर स्टेज है और तब जाकर शरीर में लक्षण दिखने शुरू होते हैं, जो काफी चिंताजनक हो सकते हैं:
ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि सिरोसिस जानलेवा हो सकता है।
जैसा कि हमने पहले बात की, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को फैटी लिवर कम होता है। लेकिन मेनोपॉज के बाद खासकर 50 से 59 साल की उम्र की महिलाओं में इसका खतरा काफी बढ़ जाता है। जापान में हुई एक स्टडी में करीब 17,000 लोगों को देखा गया और उसमें यह बात सामने आई।
इसी वजह से डॉक्टर मानते हैं कि महिलाओं के हार्मोन (खासकर टेस्टोस्टेरोन का बढ़ना) इसमें एक बड़ा रोल निभाते हैं। इसके अलावा, जिन महिलाओं को PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या होती है, जिनमें अक्सर एस्ट्रोजन हार्मोन कम होता है, उनमें भी MASLD का खतरा ज्यादा देखा गया है।
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मेनोपॉज तो महिलाओं के लिए एक बड़ा कारण है, लेकिन फैटी लीवर होने के और भी कई कारण हैं जो आदमी और औरत दोनों पर लागू होते हैं:
मोटापा या ओवरवेट होना: यह सबसे बड़ा कारण है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, जो लोग ओवरवेट हैं उनमें से 75% तक और जिन्हें बहुत ज्यादा मोटापा है उनमें से 90% से ज़्यादा लोगों को MASLD होता है।
मार्च 2024 में, US FDA ने Rezdiffra (resmetirom) नाम की पहली ऐसी दवाई को मंज़ूरी दी है जो MASLD के कुछ खास गंभीर मामलों (stage 2 से 3 fibrosis वाले लोगों में) के लिए है।
आपको बता दें कि मेनोपॉज फैटी लिवर का खतरा बढ़ाता है, तो मेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करना भी ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा है:
याद रखें, मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे मैनेज करने का मुख्य तरीका भी हेल्दी लाइफस्टाइल ही है।
फैटी लिवर अक्सर शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए इसके बारे में जानना और खासकर मेनोपॉज के बाद की महिलाओं का इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई भी जोखिम कारक है या ऊपर बताए गए गंभीर लक्षण दिखते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। अपनी सेहत का ध्यान रखना सबसे जरूरी है!
Updated on:
23 Apr 2025 04:24 pm
Published on:
23 Apr 2025 04:22 pm
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