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Fatty Liver Disease : महिलाओं में दिखने वाले 7 शुरुआती लक्षण

Fatty Liver Disease: महिलाओं में फैटी लिवर के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके शुरुआती लक्षण (Fatty Liver symptoms in women)

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भारत

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Pravin Pandey

Apr 23, 2025

Fatty Liver symptoms in women

Fatty Liver symptoms in women early seen: महिलाओं में फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण

Fatty Liver symptoms in women: आजकल लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां बहुत आम हो गई हैं, और फैटी लिवर भी उन्हीं में से एक है। फैटी लिवर का मतलब है लिवर में फैट या चर्बी ज्यादा जमा हो जाना। यह बीमारी आदमी और औरत दोनों को हो सकती है, लेकिन महिलाओं में एक खास समय ऐसा आता है जब इसका खतरा अचानक बढ़ जाता है – और वो है मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद का समय (Fatty Liver Disease)।


हार्मोन लेवल में बदलाव से होती है बीमारी

Fatty Liver Disease: आमतौर पर मर्दों को यह बीमारी ज्यादा होती है, लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में खतरा क्यों बढ़ता है? एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसकी एक वजह है हार्मोनल बदलाव। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोन का लेवल बदलता है, जैसे टेस्टोस्टेरोन (जो आमतौर पर मर्दों में ज्यादा होता है) का लेवल थोड़ा बढ़ सकता है और शायद यही एक वजह हो सकती है।

चलिए, इस बीमारी के बारे में कुछ और बातें जानते हैं:

शुरुआती लक्षण: अक्सर चुपके से आती है यह बीमारी (Fatty Liver Symptoms In Women Early Seen)


फैटी लिवर की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि शुरुआत में इसके ज्यादातर लक्षण दिखते ही नहीं हैं। या तो बिल्कुल नहीं दिखते, या इतने हल्के होते हैं कि पता ही नहीं चलता। चाहे यह Nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) हो या Alcohol-associated liver disease (ALD), दोनों में यही होता है। (वैसे, 2023 में NAFLD का नया नाम Metabolic-Dysfunction Associated Steatotic Liver Disease (MASLD) हो गया है।)

बिना डॉक्टर की मदद के इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। कुछ लोगों को शायद थोड़ी बहुत थकान महसूस हो सकती है या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है।

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अगर बात बढ़ जाए तो? (लिवर खराब होने लगे तब क्या होता है?)

अगर फैटी लिवर का ध्यान न रखा जाए, तो धीरे-धीरे लीवर सिकुड़ने लगता है और उस पर दाग पड़ने लगते हैं। इसे सिरोसिस (Cirrhosis) कहते हैं। यह एक गंभीर स्टेज है और तब जाकर शरीर में लक्षण दिखने शुरू होते हैं, जो काफी चिंताजनक हो सकते हैं:

  • पेट में दर्द
  • अचानक वजन कम होना
  • भूख न लगना
  • जी मिचलाना या उल्टी जैसा महसूस होना
  • त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (इसे पीलिया या Jaundice कहते हैं)
  • पेशाब का रंग गहरा होना
  • पॉटी का रंग पीला या मिट्टी जैसा होना
  • त्वचा पर मकड़ी के जाले जैसी महीन नसें दिखना
  • शरीर में खुजली होना
  • पैरों में सूजन आना (Edema)
  • दिमागी उलझन या भ्रम होना

ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि सिरोसिस जानलेवा हो सकता है।

महिलाओं में बढ़ा खतरा: मेनोपॉज का क्या रोल है?

जैसा कि हमने पहले बात की, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को फैटी लिवर कम होता है। लेकिन मेनोपॉज के बाद खासकर 50 से 59 साल की उम्र की महिलाओं में इसका खतरा काफी बढ़ जाता है। जापान में हुई एक स्टडी में करीब 17,000 लोगों को देखा गया और उसमें यह बात सामने आई।

इसी वजह से डॉक्टर मानते हैं कि महिलाओं के हार्मोन (खासकर टेस्टोस्टेरोन का बढ़ना) इसमें एक बड़ा रोल निभाते हैं। इसके अलावा, जिन महिलाओं को PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या होती है, जिनमें अक्सर एस्ट्रोजन हार्मोन कम होता है, उनमें भी MASLD का खतरा ज्यादा देखा गया है।

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फैटी लिवर होने के दूसरे कारण क्या हैं (Other Fatty Liver symptoms)?

मेनोपॉज तो महिलाओं के लिए एक बड़ा कारण है, लेकिन फैटी लीवर होने के और भी कई कारण हैं जो आदमी और औरत दोनों पर लागू होते हैं:

मोटापा या ओवरवेट होना: यह सबसे बड़ा कारण है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, जो लोग ओवरवेट हैं उनमें से 75% तक और जिन्हें बहुत ज्यादा मोटापा है उनमें से 90% से ज़्यादा लोगों को MASLD होता है।

  • टाइप 2 डायबिटीज (शुगर की बीमारी)
  • ज्यादा उम्र होना (खासकर महिलाओं में)
  • परिवार में किसी को फैटी लीवर की समस्या रही हो (जेनेटिक कनेक्शन)
  • लंबे समय तक कुछ खास दवाइयों का इस्तेमाल (जैसे methotrexate, tamoxifen, और amiodarone)
  • प्रेग्नेंसी के दौरान कोई दिक्कत (जैसे gestational diabetes)
  • हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) इन्फेक्शन का इतिहास
  • स्लीप एपनिया (Sleep Apnea - सोते समय सांस लेने में दिक्कत)
  • कुछ दुर्लभ जेनेटिक बीमारियां (जैसे Wilson's disease)

बचाव और इलाज: लाइफस्टाइल ही है असली चाबी (Fatty Liver Lifestyle Changes)

  • खुशी की बात यह है कि फैटी लिवर को रोकने और मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका हमारी अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना है।
  • रोजाना कसरत करें: कम से कम 30 मिनट की फिज़िकल एक्टिविटी हर दिन ज़रूरी है।
  • हेल्दी खाना खाएं: ऐसा खाना जिसमें पोषक तत्व ज़्यादा हों और सैचुरेटेड या ट्रांस फैट कम। फल, सब्जियां, साबुत अनाज ज़्यादा लें।
  • वज़न कंट्रोल करें: अगर वज़न ज़्यादा है, तो धीरे-धीरे और हेल्दी तरीके से इसे कम करने की कोशिश करें। थोड़ी सी कैलोरी कम करना भी फायदेमंद होता है।
  • शराब से दूरी: अगर आप शराब पीते हैं, तो उसे कम करें या बिल्कुल छोड़ दें।
  • दवाइयों का ध्यान रखें: कुछ दवाएं लीवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं (जैसे Ibuprofen)। डॉक्टर से पूछ कर ही कोई दवाई या सप्लीमेंट लें।

मार्च 2024 में, US FDA ने Rezdiffra (resmetirom) नाम की पहली ऐसी दवाई को मंज़ूरी दी है जो MASLD के कुछ खास गंभीर मामलों (stage 2 से 3 fibrosis वाले लोगों में) के लिए है।

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अगर बीमारी बहुत बढ़ जाती है, तो डॉक्टर कुछ और इलाज बता सकते हैं:

  • अगर शुगर या कोलेस्ट्रॉल जैसी कोई और बीमारी है, तो उसकी दवाई देना।
  • अगर मोटापा बहुत ज्यादा है, तो वजन कम करने के लिए सर्जरी (bariatric surgery)।
  • सबसे आखिरी उपाय के तौर पर, लीवर ट्रांसप्लांट।

मेनोपॉज को कैसे मैनेज करें (Fatty Liver After Menopause)?

आपको बता दें कि मेनोपॉज फैटी लिवर का खतरा बढ़ाता है, तो मेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करना भी ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा है:

  • ज्यादा पानी पिएं (हाइड्रेटेड रहें)।
  • गर्मी लगने पर (hot flashes) आसानी से उतारने या पहनने वाले कपड़े पहनें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकें अपनाएं।
  • स्मोकिंग छोड़ दें, क्योंकि यह मेनोपॉज के लक्षण और खराब कर सकती है।
  • अगर वजाइनल ड्राइनेस है, तो लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करें।
  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ (Kegels) करें।
  • कुछ प्लांट-बेस्ड एस्ट्रोजन (phytoestrogens) वाली चीज़ें या सप्लीमेंट्स (जैसे सोया, ब्लैक कोहोश) लेने पर विचार कर सकती हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • अगर लक्षण बहुत गंभीर हैं, तो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (MHT) के बारे में डॉक्टर से बात करें।

याद रखें, मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे मैनेज करने का मुख्य तरीका भी हेल्दी लाइफस्टाइल ही है।

फैटी लिवर अक्सर शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए इसके बारे में जानना और खासकर मेनोपॉज के बाद की महिलाओं का इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई भी जोखिम कारक है या ऊपर बताए गए गंभीर लक्षण दिखते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। अपनी सेहत का ध्यान रखना सबसे जरूरी है!