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पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन, 13 साल तक असरदार और सुरक्षित

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन, RISUG (Reversible Inhibition of Sperm Under Guidance) को मंजूरी दे दी है। यह इंजेक्शन 2024 में बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।

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The world's first male contraceptive injection

नई दिल्ली. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन, RISUG (Reversible Inhibition of Sperm Under Guidance) को मंजूरी दे दी है। यह इंजेक्शन 2024 में बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।


पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन अब सपना नहीं रहा। इस दिशा में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की ओर से किया जा रहा प्रयोग सफल रहा है। आइसीएमआर ने सात साल में 303 पुरुषों पर इंजेक्शन का परीक्षण किया। आइसीएमआर के मुताबिक यह गर्भ निरोधक इंजेक्शन (रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस, आरआइएसयूजी) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। यह 13 साल तक प्रभावी रहेगा।

इसके साथ ही भारत दुनिया में पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इजेक्शन बनाने वाला पहला देश बन गया है। इसे भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक चिकित्सकों ने 303 स्वस्थ और विवाहित पुरुषों (25-40 वर्ष की आयु) को 60 मिलीग्राम आरआइएसयूजी वाला इंजेक्शन दिया गया। यह इंजेक्शन से बिना दुष्प्रभाव के 99 प्रतिशत प्रेग्नेंसी रोकने में कामयाब रहा। इस प्रयोग में शामिल पुरुषों की पत्नियों की भी निगरानी की गई। उन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखाई दिया। इस इंजेक्शन की सफलता से महिलाओं को कई झंझटों से मुक्ति मिल सकेगी। अब तक अधिकतर मामलों में गर्भनिरोधक का जिम्मेदारी महिलाओं की ही रहती थी।

गर्भनिरोधक इंजेक्शन के शोध में शामिल डॉक्टर एम. वली और अरुण गुप्ता ने बताया इंजेक्शन को लगाने से पहले व्यक्ति को एनेस्थीसिया दिया जाता है। आरआइएसयूजी को स्पर्म डक्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है। इंजेक्शन लगने के बाद काफी चार्ज्ड पॉलिमर स्पर्म डक्ट की आंतरिक वॉल में चिपक जाते हैं। जब पॉलिमर निगेटिव चार्ज्ड स्पर्म के संपर्क में आता है तो यह उसे नष्ट कर देता है। इससे अंडे फर्टिलाइज करने में वह सक्षम नहीं रह जाता।


आपको बता दें कि RISUG एक नॉन-हार्मोनल इंजेक्शन है जिसे पुरुषों के शुक्रवाहिकाओं में इंजेक्ट किया जाता है। यह इंजेक्शन शुक्राणुओं को शुक्रवाहिकाओं से निकलने से रोकता है, जिससे गर्भावस्था को रोकने में मदद मिलती है।

RISUG के तीन चरण के क्लिनिकल परीक्षणों में, यह 97.3% प्रभावी पाया गया। इंजेक्शन के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाए गए।

RISUG का उपयोग करने वाले पुरुषों को हर 13 साल में एक बार इंजेक्शन दोबारा लेना होगा।

RISUG के उपलब्ध होने से पुरुषों को भी गर्भनिरोधक की जिम्मेदारी लेने में मदद मिलेगी। यह परिवार नियोजन में एक महत्वपूर्ण कदम है।

RISUG के फायदे

यह एक नॉन-हार्मोनल इंजेक्शन है, इसलिए इसके कोई हार्मोनल दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
यह 97.3% प्रभावी है।
यह 13 साल तक प्रभावी रहता है।
यह एक सुरक्षित और आसानी से लगाने वाला इंजेक्शन है।

RISUG के नुकसान

यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है।
यह एक बार लगाने के बाद हटाया नहीं जा सकता है।
इसकी कीमत अभी तक तय नहीं है।


RISUG एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि है। यह पुरुषों को गर्भनिरोधक की जिम्मेदारी लेने में मदद करेगा और परिवार नियोजन में एक महत्वपूर्ण कदम है।