कभी- कभी व्यक्ति के साथ कुछ ऐसा घटित होता है जो उसके मन में हमेशा के लिए डर पैदा कर देता है। किसी भी परिस्थिति की वजह से फोबिया हो सकता है। बच्चों की यदि हम बात करें तो जो बच्चे दिमागी परेशानी या एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं, समय के साथ-साथ उनके अंदर फोबिया होने का डर अधिक हो जाता है। जो व्यक्ति बहुत समय से बीमार चल रहे हों उनको भी फोबिया होने की संभावना रहती है। यदि किसी व्यक्ति को ट्रॉमेटिक इंजरी है तो उनमें भी फोबिया के लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
अमेरिकन साईकेट्रिक एसोसिएशन की माने तो फोबिया के प्रकार लगभग 100 से ज्यादा प्रकार पाए गए हैं। हम आज उन फोबिया की बात करेंगे जो अधिकतर लोगों में देखने को मिलता है।
3. ग्लासोफोबिया- जिन व्यक्तियों में ये फोबिया पाया जाता है वे लोगों,समूहों या ऑडियंस के बीच अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख पाते हैं। इस फोबिया में व्यक्ति के हाव- भाव, रंग- रूप भीड़ के जाने बाद बदलते हैं।
4. एक्रोफोबिया- इसमें व्यक्ति को उंचाई से बहुत डर लगता है। इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति जब भी किसी ब्रिज,पहाड़, या ऊंची इमारत में जाता है तो उसे अत्यधिक घबराहट होने लगती है। जिसके कारण उसे लगने लगता वे नीचे गिर सकता है और उसको बहुत पसीना आना सामान्य बात होती है।