
Nasal Cancer Alert (photo- freepik)
Nasal Cancer Alert: अगर आपको अक्सर नाक में दर्द, जाम रहने या एक तरफ से लगातार दिक्कत महसूस हो रही है, तो इसे हल्के में लेना ठीक नहीं। बहुत कम लोगों को पता होता है कि नाक में होने वाला लगातार दर्द या परेशानी नाक के कैंसर (Nasal Cancer) का शुरुआती संकेत भी हो सकती है। यह कैंसर बहुत दुर्लभ होता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके मामले धीरे-धीरे बढ़े हैं। चिंता की बात यह भी है कि यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है।
नाक और साइनस का कैंसर तब होता है, जब नाक की अंदरूनी जगह या साइनस में कैंसर कोशिकाएं बनने लगती हैं। नाक का कैंसर खासतौर पर उस खाली जगह से शुरू होता है जो नाक के पीछे होती है और मुंह की छत के ऊपर से होते हुए गले से जुड़ती है। साइनस नाक के आसपास मौजूद छोटी-छोटी हवा से भरी जगहें होती हैं। यह कैंसर सिर और गर्दन से जुड़े कैंसरों की श्रेणी में आता है।
कुछ खास काम करने वाले लोगों में नाक का कैंसर होने का खतरा ज्यादा देखा गया है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक हानिकारक धूल या केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं, जैसे लकड़ी का बुरादा (कारपेंटरी का काम), कपड़ा उद्योग की धूल, चमड़े की धूल, आटे की धूल, निकेल और क्रोमियम की धूल, सरसों गैस या रेडियम के संपर्क में आने वाले लोग, इसके अलावा सिगरेट पीना, HPV संक्रमण, परिवार में कैंसर का इतिहास, गोरे रंग के लोग, पुरुष और 55 साल से अधिक उम्र भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं।
अक्सर इसके लक्षण नाक के सिर्फ एक तरफ दिखाई देते हैं, जैसे नाक का लगातार बंद रहना, आंखों के ऊपर या नीचे दर्द, नाक से बार-बार खून आना, नाक से पीप या गंदा पानी आना, चेहरे या दांतों में सुन्नपन, आंखों से लगातार पानी आना, नजर में बदलाव, कान में दर्द या दबाव, चेहरे, तालू या नाक के अंदर गांठ होना शामिल है।
अगर डॉक्टर को लक्षणों के आधार पर शक होता है, तो वे आपको ENT स्पेशलिस्ट के पास भेज सकते हैं। जांच के लिए X-ray, CT Scan, MRI, PET Scan और बायोप्सी जैसी जांचें की जाती हैं।
नाक के कैंसर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी आदि से किया जाता है। पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, लेकिन धूम्रपान छोड़कर और खतरनाक केमिकल्स से दूरी बनाकर जोखिम कम किया जा सकता है।
Published on:
16 Dec 2025 11:44 am
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