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सुपर फ्लू की नई लहर? UK के बाद पाकिस्तान में दहशत! जानिए भारत को क्यों रहना होगा अलर्ट

UK Flu Variant India Risk: ब्रिटेन में फैले H3N2 ‘सुपर फ्लू’ का वेरिएंट पाकिस्तान में मिला है। क्या भारत में भी खतरा बढ़ेगा? जानिए डॉक्टरों की सलाह और बचाव।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 13, 2025

UK Flu Variant India Risk

UK Flu Variant India Risk (photo- freepik)

UK Flu Variant India Risk: यूरोप, खासकर ब्रिटेन में जिस ‘सुपर फ्लू’ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वह अब पाकिस्तान में भी पाया जा चुका है। ऐसे में भारत में भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में भी इसके फैलने का खतरा है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक यह फ्लू इन्फ्लूएंजा A (H3N2) वायरस का बदला हुआ रूप है, जिसे सबक्लेड K कहा जा रहा है। यह कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि पहले से मौजूद फ्लू वायरस में हुए कुछ जेनेटिक बदलावों का नतीजा है।

भारत में खतरा क्यों हो सकता है?

भारत और पाकिस्तान के बीच मौसम, हवा और लोगों की आवाजाही काफी हद तक एक जैसी है। इसके अलावा सर्दियों में घना कोहरा और प्रदूषण, बड़े शहरों में भीड़-भाड़, शादी, त्योहार और यात्राएं, स्कूलों में बच्चों का आपस में मिलना। ये सभी बातें फ्लू जैसे वायरस के फैलने के लिए अनुकूल माहौल बनाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वायरस पड़ोसी देश में फैल रहा है, तो भारत में भी उसके केस सामने आ सकते हैं।

भारत की स्थिति कितनी अलग है?

भारत में पहले भी H3N2 फ्लू के मामले देखे जा चुके हैं और स्वास्थ्य सिस्टम इसके लिए पूरी तरह अनजान नहीं है। राहत की बात यह है कि भारत में पहले से फ्लू सर्विलांस सिस्टम मौजूद है। अस्पतालों में टेस्टिंग की सुविधा है। डॉक्टर फ्लू के लक्षणों को पहचानते हैं। हालांकि एक बड़ी समस्या यह है कि भारत में फ्लू वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या बहुत कम है, खासकर बुज़ुर्गों और हाई-रिस्क लोगों में।

बुज़ुर्गों को ज्यादा खतरा

डॉक्टरों के मुताबिक फ्लू का सबसे ज्यादा असर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग डायबिटीज, दिल, फेफड़ों की बीमारी वाले, कमजोर इम्युनिटी वाले मरीज पर पड़ता है। बच्चे अक्सर हल्के लक्षणों के साथ वायरस फैला देते हैं और घर में बुज़ुर्गों तक संक्रमण पहुंच जाता है।

बचाव के लिए क्या करें?

अगर भारत में मामले बढ़ते हैं, तो बचाव के उपाय वही रहेंगे। फ्लू वैक्सीन लगवाएं, सर्दी-खांसी में मास्क पहनें, हाथ बार-बार धोएं, भीड़ से बचें, बीमार हों तो आराम करें, बिना जरूरत एंटीबायोटिक न लें।