Night Shift Women Health Risks : आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा (Asthma) होने का खतरा ज्यादा होता है. एक नई रिसर्च से पता चला है कि जो महिलाएं सिर्फ रात की शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें दिन में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में मध्यम या गंभीर अस्थमा (Asthma) होने की संभावना लगभग 50% ज्यादा होती है.
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग चौबीसों घंटे काम करते हैं, और इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. अक्सर महिलाएं अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए रात की शिफ्ट में भी काम करती हैं. हालांकि, इससे उनके करियर को फायदा हो सकता है, लेकिन यह उनकी सेहत के लिए कई जोखिम भी लेकर आता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, यूके के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च की जिसके नतीजे 'ईआरजे ओपन रिसर्च' (ERJ Open Research) में छपे हैं. इस रिसर्च में 2,70,000 से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया था. इसमें पाया गया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा (Asthma) होने का खतरा ज्यादा होता है. जबकि पुरुषों में ऐसा कोई संबंध नहीं मिला.
डॉ. रॉबर्ट मेडस्टोन, जो इस रिसर्च के मुख्य शोधकर्ता हैं उन्होंने बताया कि महिलाओं को अस्थमा पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है और उन्हें गंभीर अस्थमा होने अस्पताल में भर्ती होने और अस्थमा (Asthma) से मौत होने की संभावना भी ज्यादा होती है. उन्होंने पहले भी अपनी रिसर्च में पाया था कि रात की शिफ्ट में काम करने वालों को मध्यम या गंभीर अस्थमा का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए वे देखना चाहते थे कि क्या इसमें लिंग के आधार पर कोई अंतर है.
इस रिसर्च में यूके बायोबैंक (UK Biobank) के डेटा का इस्तेमाल किया गया. इसमें 2,74,541 कामकाजी लोगों को देखा गया. इनमें से 5.3% लोगों को अस्थमा था, और 1.9% लोगों को मध्यम या गंभीर अस्थमा था (मतलब वे अस्थमा को रोकने वाली इनहेलर और कम से कम एक और अस्थमा का इलाज जैसे कि ओरल स्टेरॉयड ले रहे थे). शोधकर्ताओं ने महिलाओं को तीन कैटेगरी में बांटा: जो सिर्फ दिन में काम करती थीं, जो सिर्फ रात की शिफ्ट में काम करती थीं, और जो दोनों तरह की शिफ्ट में काम करती थीं.
Asthma - Symptoms and causes
नतीजे चौंकाने वाले थे. सिर्फ रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में दिन में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में मध्यम या गंभीर अस्थमा होने की संभावना लगभग 50% ज़्यादा पाई गई. डॉ. मेडस्टोन का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि शिफ्ट में काम करने से शरीर की जैविक घड़ी (body clock) बिगड़ जाती है, जिससे पुरुष और महिला सेक्स हार्मोन के स्तर में बदलाव आता है. पहले की रिसर्च में यह देखा गया है कि हाई टेस्टोस्टेरोन अस्थमा से बचाव में मदद करता है, इसलिए महिलाओं में कम टेस्टोस्टेरोन की भूमिका हो सकती है.
इसके अलावा रिसर्च में यह भी पाया गया कि पोस्टमेनोपॉज़ल (रजोनिवृत्ति के बाद) महिलाओं में जो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) नहीं ले रही थीं, रात की शिफ्ट में काम करने से अस्थमा (Asthma) का खतरा दिन में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में लगभग दोगुना था. डॉ. मेडस्टोन ने कहा, हमारे नतीजे बताते हैं कि एचआरटी रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए अस्थमा से बचाव में मददगार हो सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए आगे रिसर्च की जरूरत है.
प्रोफेसर फ्लोरेंस श्लीच जो इस रिसर्च में शामिल नहीं थीं, उन्होंने कहा कि अस्थमा एक आम और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस रिसर्च से पता चलता है कि रात की शिफ्ट में काम करना महिलाओं में अस्थमा का एक जोखिम कारक हो सकता है, लेकिन पुरुषों में नहीं.
इस रिसर्च से यह स्पष्ट होता है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए. हालांकि, ज़्यादातर कर्मचारियों के लिए शिफ्ट पैटर्न बदलना आसान नहीं होता, इसलिए इस संबंध को बेहतर ढंग से समझने और रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए जोखिम को कम करने के तरीकों पर और रिसर्च की ज़रूरत है.
Updated on:
16 Jun 2025 04:34 pm
Published on:
16 Jun 2025 04:33 pm