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Obesity in Youth : युवाओं में मोटापा और इससे जुड़ी बीमारियां, उम्र के अनुसार मोटापे के कारण और लक्षण

Obesity in India: A Growing Health Problem मोटापा क्यों बढ़ रहा है, इसके क्या प्रभाव हैं, और इससे बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए।

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भारत

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Manoj Vashisth

Feb 13, 2025

Obesity and related diseases in youth : आज के दौर में मोटापा युवाओं के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। अनियमित दिनचर्या, जंक फूड की अधिकता और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। मोटापा न केवल शारीरिक बनावट को प्रभावित करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है। आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाय।

मोटापा भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के अनुसार, भारत में दुनिया में तीसरा सबसे अधिक मोटे लोगों की संख्या है। मोटापे की समस्या केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत में भी तेजी से बढ़ रही है।

Obesity in Youth : भारत में मोटापे की स्थिति

- भारत में मोटापे की दर पिछले 10 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गई है।

-100 मिलियन (10 करोड़) से अधिक भारतीय मोटापे से जूझ रहे हैं।

-12% पुरुष और 40% महिलाएँ पेट के मोटापे (Abdominal Obesity) से ग्रस्त हैं।

-केरल (65.4%), पंजाब (62.5%), तमिलनाडु (57.9%) और दिल्ली (59%) में मोटापे की दर सबसे अधिक है।

-मध्य प्रदेश (24.9%) और झारखंड (23.9%) में मोटापे की दर अपेक्षाकृत कम है।

Obesity in Youth : मोटापे के प्रमुख कारण

- अनियमित खानपान
- ज्यादा तला-भुना और जंक फूड खाने की आदत
- फाइबर और प्रोटीन की कम
- अधिक मीठे और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का सेवन

बैठे रहने की आदत (Sedentary Lifestyle)

- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- एक्सरसाइज और खेलकूद से दूरी
- लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप पर स्क्रीन टाइम

मोटापे से जुड़ी बीमारियां और उनका प्रभाव (आयु के अनुसार)

नींद की कमी और तनाव

- अनियमित नींद चयापचय (Metabolism) को प्रभावित करती है
- ज्यादा तनाव से हार्मोन असंतुलन और वजन बढ़ने की संभावना
- देर रात तक जागने और अस्वस्थ दिनचर्या का प्रभाव

मोटापे के लक्षण

- शरीर में अनावश्यक चर्बी का जमाव
- सांस फूलना और जल्दी थकान महसूस होना
- चलने-फिरने में कठिनाई और घुटनों में दर्द
- ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
- आत्मविश्वास में कमी और मानसिक तनाव

मोटापे से होने वाली बीमारियाँ

डायबिटीज (मधुमेह)

भारत में मधुमेह के मामलों की संख्या बढ़ रही है। 2019 में, 20-79 वर्ष की आयु के लगभग 77 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित थे, और यह संख्या 2030 तक 101 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। युवा वयस्कों में भी टाइप 2 मधुमेह के मामलों में वृद्धि हो रही है।
- शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ने से शुगर का स्तर बढ़ता है
- मोटे लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)

- अधिक वजन से दिल पर दबाव बढ़ता है
- रक्त संचार में रुकावट आने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है

हृदय रोग (Cardiovascular Diseases)

- कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से धमनियाँ संकुचित हो सकती हैं
- दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है
- वजन नियंत्रित करने के उपाय और स्वस्थ जीवनशैली

संतुलित आहार लें

- हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन खाएँ
- जंक फूड, ज्यादा मीठा और तली-भुनी चीजों से बचें
- दिन में 3-4 लीटर पानी पीने की आदत डालें

नियमित व्यायाम करें

- रोजाना कम से कम 30-45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें
- योग, वॉकिंग, रनिंग या जिम एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
- मसल्स मजबूत करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें

तनाव कम करें और भरपूर नींद लें

- मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मानसिक तनाव को दूर करें
- रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें
- स्क्रीन टाइम को कम करें और आरामदायक वातावरण में सोने की आदत डालें

मोटापा सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं बल्कि कई बीमारियों का घर है। युवाओं को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही खानपान, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर मोटापे को रोका जा सकता है। अपनी सेहत का ख्याल रखें और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।

Lancet Report On Obesity: मोटापा भारत में एक गंभीर समस्या बनी

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।