
Pig Kidney Transplant (photo- gemini ai)
Pig Kidney Transplant : अमेरिका में एक ऐसा मेडिकल प्रयोग हुआ जिसने दुनियाभर में चर्चा बटोरी। न्यू हैम्पशायर के 67 साल के टिम एंड्रयूज को इस साल जनवरी में सुअर की जीन संशोधित (genetically modified) किडनी लगाई गई थी। यह प्रयोग मैस जनरल ब्रिघम हॉस्पिटल (Mass General Brigham) में किया गया था।
टिम करीब 271 दिन यानी 9 महीने तक इस सुअर की किडनी के साथ जिंदा है, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। हालांकि, हाल ही में डॉक्टरों ने यह किडनी निकाल दी क्योंकि इसका फंक्शन धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा था।
इसे जेनोट्रांसप्लांट (Xenotransplant) कहा जाता है, यानी जानवर के अंग को इंसान के शरीर में लगाना। सुअर के अंगों को इसलिए चुना जा रहा है क्योंकि उनका आकार और कार्य इंसानी अंगों से काफी मेल खाता है। इन सुअरों के जीन में ऐसे बदलाव किए जाते हैं ताकि उनका अंग इंसान के शरीर में जाकर रिजेक्शन न झेले।
टिम पिछले कई सालों से डायबिटीज और किडनी फेल्योर से जूझ रहे थे। उन्हें डायलिसिस पर रहना पड़ता था। हफ्ते में तीन दिन, हर बार छह घंटे। इससे उनका जीवन काफी कठिन हो गया था। सुअर की किडनी लगने के बाद उन्होंने बताया कि मैं फिर से जिंदा महसूस कर रहा था, यह किसी चमत्कार से कम नहीं। इस दौरान वे न सिर्फ खुद खाना पकाने और टहलने लगे, बल्कि फेनवे पार्क में बेसबॉल मैच में पहला बॉल थ्रो करने तक पहुंच गए। उन्होंने कहा कि यह सुअर की किडनी नहीं, मेरी नई जिंदगी थी।
मैस जनरल ब्रिघम अस्पताल के डॉक्टरों ने टिम को एक सच्चा मेडिकल हीरो बताया। CNN के डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि टिम जैसे मरीजों की हिम्मत से ही भविष्य में लाखों किडनी फेल मरीजों को नई उम्मीद मिलेगी।
यह प्रयोग आगे और भी दिशा दे सकता है। मेडिकल साइंस अब सुअर के लिवर और हार्ट को भी इंसान में ट्रांसप्लांट करने की दिशा में काम कर रही है। डॉक्टरों का मानना है कि अगर यह सफल हुआ तो भविष्य में ऑर्गन डोनर की कमी खत्म हो सकती है।
किडनी निकालने के बाद टिम ने फेसबुक पर लिखा कि यह सफर मुश्किल जरूर था, लेकिन हर दिन ने कुछ नया सिखाया। मेरी किडनी देने वाली सुअर ‘Wilma’ मेरी हीरो है। आज टिम फिर से डायलिसिस पर हैं, लेकिन उनकी यह यात्रा मेडिकल इतिहास में मील का पत्थर बन गई है। डॉक्टर अब इस तकनीक को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में यह प्रयोग लाखों मरीजों की जान बचा सके।
Published on:
31 Oct 2025 04:48 pm
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