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दवा का दावा: अंगूर का बीज बनेगा ‘संजीवनी’, 48 घंटे में ही हो जाएगा CANCER का खात्मा

दावा है कि अंगूर के बीजों की घरेलू दवा कैंसर कोशिकाओं को तेजी से समाप्त करने में कारगर साबित हो सकती है।

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नई दिल्ली।

कैंसर को मात देने को लेकर होने वाले शोध आज भी निरंतर जारी हैं। इनके नतीजों में विभिन्न आधारों पर कैंसर पर जीत के दावे किये जाते रहे हैं। कुछ ऐसा ही दावा एक बार फिर एक शोध पूरा होने के बाद किया जा रहा है।

इस ताज़ा हुए शोध में दावा किया जा रहा है कि अंगूर के बीजों का सत्व या अर्क ल्यूकेमिया और कैंसर को ठीक करने में मददगार होता है। बताया जा रहा है कि शोध में यह साबित हो चुका है कि अंगूर के बीज सिर्फ 48 घंटे में हर तरह के कैंसर को 76 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम हैं।

अंगूर के बीज में पाया जाने वाला जेएनके प्रोटीन, कैंसर कोशिकाओं की विकीर्णों को नियंत्रित करने का काम करता है। कैंसर के मरीजों पर कई सालों के रिसर्च के बाद कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. हर्डिन बी जॉन्स का कहना है कि कैंसर के इलाज के तौर पर प्रयोग की जाने वाली कीमोथैरेपी से बेहतर है ये घरेलू दवा।

दावा है कि अंगूर के बीजों की घरेलू दवा कैंसर कोशिकाओं को तेजी से समाप्त करने में कारगर साबित हो सकती है। इसी तरह रूबर्ब पौधा जिसे रेवतचीनी और रेवन्दचीनी के नाम से भी जाना जाता है, कैंसर के इलाज में कारगर है।


इस पौधे की पत्तियां जहरीली होती हैं लेकिन इसके डंठल दवा के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। वैज्ञानिकों ने इस पौधे से कैंसर रोधी दवा बनाने का दावा किया है।

इस पौधे की डंठलों में एक खास ऑरेंज पिगमेंट पाया जाता है, जो कैंसर के सेल्स को 48 घंटे के अन्दर ही खत्म करने की ताकत रखता है। शोध में इस डंठल के प्रयोग के जरिए दो ही दिनों में लयूकैमिया के आधे से ज्यादा सेल्स को यह पौधा नष्ट कर चुका था।


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