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Shankh Blowing Benefits: खर्राटों से परेशान? दिन में 2 बार शंख बजाना है कारगर उपाय, स्टडी में हुआ खुलासा

Shankh Blowing Benefits: रिसर्च में खुलासा हुआ है कि रोजाना शंख बजाने से खर्राटों और स्लीप एप्निया की समस्या में राहत मिल सकती है। जानिए शंख बजाने के सेहत पर चौंकाने वाले फायदे।

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भारत

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Dimple Yadav

Aug 20, 2025

Shankh Blowing

Shankh Blowing (Photo- chatgtp)

Shankh Bajane Ke Fayde: हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठानों और मांगलिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आयुर्वेद में भी शंख को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। लेकिन अब आधुनिक विज्ञान ने भी इसकी उपयोगिता को मान्यता दी है। हाल ही में एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि रोजाना शंख बजाने से खर्राटों और स्लीप एप्निया जैसी गंभीर समस्या से राहत मिल सकती है।

क्या है स्लीप एप्निया?

स्लीप एप्निया नींद से जुड़ा विकार है, जिसमें सोते समय व्यक्ति की सांसें बार-बार रुक जाती हैं। यह समस्या तब होती है जब गले की मांसपेशियां ढीली होकर सांस की नली को ब्लॉक कर देती हैं। इसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे नींद बार-बार टूटती है और दिन में अत्यधिक नींद या थकान महसूस होती है।

स्टडी में क्या निकला नतीजा?

इस समस्या से जूझ रहे मरीज को दिन में दो बार शंख बजाने की सलाह दी गई। कुछ ही महीनों में मरीज की खर्राटों की समस्या कम हो गई, गले की मांसपेशियां मजबूत हुईं और नींद की गुणवत्ता बेहतर हो गई। स्टडी में 30 मरीजों को दो समूहों में बांटा गया। पहले समूह को रोजाना शंख बजाने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को केवल डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी गई। छह महीने बाद परिणाम सामने आए। जिसमें शंख बजाने वाले मरीजों की नींद की क्वालिटी में 34% सुधार देखा गया। उनकी दिन की नींद कम हुई, ऑक्सीजन लेवल बढ़ा और सांस रुकने की समस्या भी काफी हद तक घटी।

क्यों है शंख बजाना फायदेमंद?

शंख बजाने के दौरान गहरी सांस लेकर जोर से फूंकना पड़ता है। इससे गले और जीभ की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जो उन्हें मजबूत बनाता है। यही वजह है कि शंख बजाना स्लीप एप्निया में होने वाले गले के संकुचन को रोक सकता है। यह अभ्यास बेहद आसान है और केवल दिन में कुछ मिनट करने से लाभ मिलता है।

शंख बजाना सिर्फ पूजा नहीं, सेहत का राज

यह अध्ययन यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल ओपन रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बड़े पैमाने पर किए गए ट्रायल्स में भी इसके अच्छे नतीजे सामने आते हैं, तो यह तकनीक सीपीएपी मशीन जैसी महंगी और असुविधाजनक उपचार विधियों का बेहतर विकल्प बन सकती है। शंख बजाना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी और किफायती उपाय साबित हो सकता है।