
signs of STD found in your eyes
नई दिल्ली। किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर विशेषज्ञ सबसे पहले आंखों की जांच करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कई रोगों की जानकारी आंखों से ही मिलती है। जानते हैं कि आंखों में किसी भी तरह का बदलाव होने से कौनसी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।
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क्या होता है एचआईवी एड्स
एड्स-एच.आई.वी. नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह बाद ही रक्त की जाँच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है, ऐसे व्यक्ति को एच.आई.वी. पॉजिटिव कहते हैं। एच.आई.वी. पॉजिटिव व्यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्य प्रतीत होता है और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरों को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
जाने आंखो पर क्या पढ़ता है प्रभाव
आपके आंखो का रंग लाल होने लगता है । पहले यह हल्के पीले रंग का होता है। और बाद में लाल रंग में तब्दील हो जाता है । आंखो से पानी भी जाना सुरु हो जाता है । सुरवती दौर में ये लक्षण साफ नही समझ आते हैं । परन्तु आगे चलकर इसका आपके आंखो पर गहरा प्रभाव पढ़ता है। आपको भी यदी ऐसी किसी समस्या सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यौन संक्रमण के प्रसार को रोकने की गति धीमी है और इन आंकड़ों को एक चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए।
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अन्य लक्षण
पेशाब के साथ दर्द होना, शिश्न या योनि से स्खलन और पीरियड के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग।
क्लैमाइडिया और गोनोरिया से महिलाओं को कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जैसे योनि के भीतर सूजन, बांझपन या हदय संबंधी रोग।
कोई भी इंसान या व्यक्ति जो असुरक्षित संभोग या संपर्क में संलिप्त है, उसे यौन संचारित रोग( एसटीडी) होने का खतरा सबसे अधिक है और हालांकि, जोखिम कुछ समूहों के व्यक्ति में होने की संभावना अधिक है।
हेपेटाइटिस के संक्रमण के मामले में, टॉयलेट काले रंग और हलके चूने का रंग का मल सकता है और आँखों, नाखुनों के पौर और त्वचा में पीलापन का आना
Published on:
06 Dec 2021 01:24 pm
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