
Summer Tips: Drinking Sattu is beneficial in obesity, dehydration, diabetes
सत्तू असल में भुने ही चने का पाउडर होता है। सत्तू कई पोषक तत्वों से भरा और लो कैलोरी वाला होता है। गर्मी में इसे खाने या पीने के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इसे खाने या पीने के बाद लू या डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
स्वाद के साथ सेहत के लिए फायदेमंद सत्तू कई बीमारियों की दवा भी है। सत्तू खाने या पीनी से मोटापा कम होता है और डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल में भी ये बेहद फायदेमंद है।
सत्तू में मौजूद पोषक तत्व-Nutrients of Sattu
सत्तू में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन, सोडियम, फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम जैसे तत्व के साथ रफेज भी खूब होता है।
इन बीमारियों में सत्तू होता है अमृत समान- Sattu is like nectar in these diseases
सत्तू को शर्बत की तरह पी सकते हैं या इसे आटे की तरह गूंथ कर भी खाया जाता है। सत्तू बनाने का तरीका अलग-अलग होता है। कई बार चने में जौ का भी सत्तू मिलाया जाता है। इसे खाने से प्यास अधिक लगती है और यही कारण है कि बार-बार पानी पीने से लू नहीं लगती या डिहाइड्रेशन नहीं होता। साथ ही पेट भी लंबे समय तक भरा रहता है। तो चलिए जानें सत्तू के क्या-क्या फायदे हैं।
ब्लड शुगर करता है कंट्रोल- सत्तू लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है। सत्तू में बीटा-ग्लूकेन होता है जो ब्लड में ग्लूकोस को कम करने का काम करता है। शुगर के मरीज हैं तो रोज कम से कम सौ ग्राम चने और जौ के सत्तू को मिक्स कर खाएं। इसे रोटी की तरह भी बना कर खाया जात सकता है। लेकिन अच्छा होगा कि आप इसे नमक के साथ मिलकार आटे की तरह गूथ कर खाएं या इसका शर्बत बना लें।
मोटापा कम करता है- सत्तू में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं और ये लंबे समय तक पेट का भरा महसूस कराता है। इसमें कैलोरी भी कम होता है। चने और जौ के चोकर सहित सत्तू पीने या खाने से वेट लॉस तेजी से होता है।
एनीमिया दूर करता है- खून की कमी में सत्तू पीना बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें आयरन भी भरपूर होता है।
एनर्जी ड्रिंक- गर्मी में सत्तू एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है। चने के सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस होता है जिससे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है और पानी की कमी नहीं होती।
ठंडक देता है और लू से बचाता है- सत्तू तासीर में ठंडी होती है इसलिए ये पेट की गर्मी को शांत करता है। साथ्ज्ञ ही लू और हिट स्ट्रोक के खतरे से भी बचाता है। इससे पेट संबंधी कई बीमारियां भी दूर होती हैं।
कब्ज में राहत- अगर आप कब्ज से परेशान रहते हैं तो जौ और चने के सत्तू को चोकर सहित खाएं। सत्तू में अघुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। अघुलनशील फाइबर का उच्च स्तर पेट को साफ करने में मदद करता है और पाचन में सुधार करते हुए आंत की दीवारों से चिकना भोजन निकालता है।
कोलेस्ट्रॉल रहेगा कंट्रोल - सत्तू की उच्च फाइबर और प्रोटीन होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को ब्लड से बाहर निकालने में मददगार होता है।
ऐसे बनाएं सत्तू ड्रिंक
सत्तू पाउडर,काला नमक,नींबू का रस,पानी,आइस क्यूब्स,जीरा पाउडर और हल्की सी चीनी, प्याज और हरी मिर्च बारिक काट लें।
विधि : एक बर्तन में पानी लेकर सारी ही सामग्री को मिला लें। अगर डायबिटीज और मोटापा है तो चीनी को स्किप कर दें। इसे अच्छे से मिला कर दिन में कई बार पींए।
सत्तू बनाने की विधि
सत्तू खाने के लिए जौ और चने के सत्तू को बराबर मात्रा में मिला लें और इसमें सेंधा नमक मिला लें। अब इसे आटे की तरह पानी से गूंथ लें। प्याज, हरी मिर्च या आम की चटनी के साथ इसे खाएं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
Updated on:
12 Apr 2022 12:20 pm
Published on:
10 Apr 2022 10:48 am
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