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पहले जहां घर का मतलब सुकून भरे जीवन के पलों का जीने का जरिया होता था, वहीं आज घर की शानो-शौकत लोगों का स्टेटस सिम्बल बनता जा रहा है। वो दिन—रात कड़ी मेहनत करते हैं और अपनी सुख सुविधाओं की तमाम चीजों को वो इस घर में जुटाते हैं, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ये जरूरतों का सामान ही उसकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
इसका खुलासा एक रिसर्च में किया गया है। इसमें ये बात सामने आई है कि घर में इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलु उपकरण जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक उत्पाद जैसे टीवी और कम्पयूटर, घरों में लगे परदे, एयर फ्रेशनर और यहां तक कि साबुन भी कई तरह की बीमारियों को न्यौता दे सकते हैं।
जार्ज वांशिगटन यूनिवर्सिटी के मिल्केन इंस्टीट्यूट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के असिस्टेंट प्रोफेसर एमी जोता ने रिसर्च में बताया कि इन उपकरणों में भारी मात्रा में केमिकल जैसे पैथलेट्स, फिनॉल, फ्लोरीन युक्त रसायन मिले होते हैं।
ये रसायन धूल के कणों में मिलकर हवा के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। सबसे ज्यादा असर बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है।
ड्यूक यूनिवर्सिटी के इंवायरमेंट वर्किंग ग्रुप की एक रिसर्च के मुताबिक कई बार मां और बच्चे के शरीर में इन सामानों की वजह से कई सारे कैमिकल चले जाते हैं, जिसका शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। टीसीईपी नामक कैमिकल गद्दों में पाया जाता है।
बच्चों के खेलते वक्त उनके हाथों से ये कैमिकल मुंह तक पहुंच जाता है, जिससे बच्चों की सेहत बहुत खराब प्रभाव पड़ता है। हालांकि विश्व के कई इलाकों में इस कैमिकल का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
Published on:
05 Oct 2016 06:55 pm
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