
Things To Avoid With Asthma: विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) साल 2025 में यह दिन 6 मई को मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अस्थमा के प्रति जागरूकता फैलाना है। अस्थमा फेफड़ों से संबंधित रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है। इस स्थिति में रोगी की फेफड़ों की नलियां सूज जाती हैं और संकरी हो जाती हैं। अगर सावधानी न बरती जाए, तो हालत और बिगड़ सकती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को कुछ विशेष चीजों से दूरी बनाकर रखना बेहद जरूरी है।
-बार-बार संक्रमण होना।
-घबराहट या बेचैनी महसूस होना।
-थकान जल्दी लगना।
-सीने में दर्द या भारीपन।
-सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई।
-लगातार खांसी आना, खासकर रात या सुबह के समय।
-सीने में जकड़न या दबाव महसूस होना।
धूल, धुआं और प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। ये एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं और सांस की नली में सूजन बढ़ा सकते हैं।
मौसम में अचानक बदलाव, जैसे ठंडी हवा या तेज गर्मी, अस्थमा के दौरे को बढ़ा सकते हैं। इसलिए तापमान के अनुसार खुद को ढककर रखना चाहिए।
परफ्यूम, अगरबत्ती, डियोडरेंट और पेंट की गंध जैसी चीजें सांस की नली को उत्तेजित कर सकती हैं।
कुत्ते-बिल्लियों के बाल, पंख या त्वचा की झड़ती परतें एलर्जी पैदा कर सकती हैं, जिससे अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है।
सिगरेट का धुआं अस्थमा के लिए बहुत खतरनाक होता है। यहां तक कि दूसरों द्वारा किए गए धूम्रपान का प्रभाव भी रोगी पर पड़ता है।
घर में नमी या दीवारों पर फफूंदी की उपस्थिति भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है।
इनसे शरीर में सूजन बढ़ सकती है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे अस्थमा पर असर पड़ता है।
डॉक्टर द्वारा बताए गए इनहेलर और दवाइयों का नियमित उपयोग करें।
नियमित व्यायाम करें लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार।
एलर्जी टेस्ट करवाकर यह जानने की कोशिश करें कि कौन-कौन सी चीजें आपके लिए नुकसानदायक हैं।
अस्थमा को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही हेल्दी लाइफस्टाइल, परहेज और डॉक्टर की सलाह से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। विश्व अस्थमा दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जागरूकता और सावधानी ही सबसे अच्छा बचाव है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
06 May 2025 04:17 pm
Published on:
06 May 2025 12:55 pm
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