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पेट की गैस और पाचन की समस्या को दूर करेगा ये खास डाइजेस्टिव ड्रिंक

पाचन तंत्र हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाकर शरीर को पोषक तत्व प्रदान करता है। जब पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे अपच, गैस, पेट फूलना, कब्ज और दस्त।

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ragi drink for digestion

ragi drink for digestion

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। अपच, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। लेकिन घबराइए नहीं! आज हम आपके लिए एक ऐसा हेल्दी ड्रिंक लेकर आए हैं जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मददगार होगा। यह ड्रिंक न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि इसे बनाना भी बहुत आसान है।

तो आइए जानते हैं इस ड्रिंक के बारे में और कैसे यह आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।

रागी ड्रिंक: स्वाद और स्वास्थ्य का अद्भुत मिश्रण Ragi Drink: Amazing Mixture of Taste and Health

गर्मियों में ठंडक और स्वाद के लिए हम अक्सर विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कुछ पेय पदार्थ न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी होते हैं?

रागी ड्रिंक ऐसा ही एक पेय पदार्थ है। रागी, जिसे "मिलेट" भी कहा जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। रागी से बनी यह ड्रिंक न केवल आपको गर्मी से राहत देती है, बल्कि आपके पाचन तंत्र, वजन, नींद और हार्मोनल स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करती है।

आइए, इस लेख में हम रागी ड्रिंक के कुछ अद्भुत फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: रागी में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह कब्ज से राहत दिलाता है और पेट को स्वस्थ रखता है।

2. मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है: रागी में मौजूद मैग्नीशियम और फास्फोरस मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर भोजन से ऊर्जा का बेहतर उपयोग कर पाता है।

3. वजन घटाने में सहायक: रागी में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे आप कम खाते हैं और वजन घटाने में मदद मिलती है।

4. हड्डियों को मजबूत बनाता है: रागी कैल्शियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

5. एनीमिया से बचाव: रागी में आयरन की मात्रा प्रचुर मात्रा में होती है, जो एनीमिया से बचाव और खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।

6. मधुमेह को नियंत्रित करता है: रागी में मौजूद फाइबर रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: रागी में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

8. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: रागी में मौजूद विटामिन और खनिज त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

रागी ड्रिंक बनाने की विधि:

सामग्री:

  • 2 बड़े चम्मच रागी का आटा
  • 1 कप पानी
  • नमक स्वादअनुसार
  • 1/4 छोटा चम्मच जीरा पाउडर
  • 1/4 छोटा चम्मच पिसी हुई काली मिर्च
  • 1 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
  • 1/2 इंच अदरक, कद्दूकस किया हुआ
  • 2 बड़े चम्मच दही
  • थोड़ा पानी
  • 1/4 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/4 छोटा चम्मच बारीक कटा हुआ हरा धनिया
  • 1/4 छोटा चम्मच बारीक कटा हुआ प्याज
  • 1 छोटा चम्मच घी
  • 1/2 छोटा चम्मच रागी का आटा
  • 1/2 छोटा चम्मच करी पत्ता

विधि:

  1. एक बर्तन में रागी का आटा और पानी मिलाकर अच्छी तरह घोल लें।
  2. एक पैन में मध्यम आंच पर घी गरम करें।
  3. जीरा डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
  4. रागी का मिश्रण डालें और अच्छी तरह मिलाते हुए 2-3 मिनट तक पकाएं।
  5. नमक, काली मिर्च, हरी मिर्च और अदरक डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  6. धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक या जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए तब तक पकाएं।
  7. आंच बंद करें और मिश्रण को ठंडा होने दें।
  8. एक अलग बाउल में दही और थोड़ा पानी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें।
  9. ठंडे रागी के मिश्रण में दही का मिश्रण, धनिया पाउडर, हरा धनिया और प्याज डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  10. एक छोटे पैन में घी गरम करें।
  11. रागी का आटा और करी पत्ता डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
  12. तड़के को रागी ड्रिंक में डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  13. ठंडा या गर्म परोसें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।