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What to do after Stroke : स्ट्रोक आने के तुरंत बाद क्या करें क्या नहीं करें

What to do after Stroke : स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें दिमाग तक खून का बहाव रुक जाता है या कम हो जाता है। ऐसे में समय पर सही कदम उठाना बेहद जरूरी है ताकि दिमाग को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके और जीवन बचाया जा सके।

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भारत

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Manoj Vashisth

Aug 18, 2025

What to do after Stroke

What to do after Stroke : स्ट्रोक आने के तुरंत बाद क्या करें क्या नहीं करें (फोटो सोर्स : Freepik)

What to do after Stroke : सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरेन्द्र राय ने बताया की अगर किसी व्यक्ति को स्ट्रोक, ब्रेन अटैक या लकवा मार जाए तो उस व्यक्ति के लिए शुरुआती साढ़े 4 घंटे यानी विंडो पीरियड बेहद अहम होते हैं क्योंकि अगर इस समय में मरीज को तुरंत इलाज मिल जाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

लकवा क्या है? (What is paralysis)

लकवा ब्रेन की बीमारी है, जिसके कारण हमारे अंग काम करना बंद कर देते हैं जैसे अचानक अपंगता आ जाए, चाहे बोलने में गड़बड़ी हो जाए, चलने में दिक्कत हो जाए, हाथ-पैर काम करना बंद कर दें, दिखना बंद हो जाए, तो इसे लकवा कहा जाता है।

लकवा क्यों आता है?

ब्रेन के हर हिस्से में खून की नलियों से लगातार खून की सप्लाई होती है। यदि ५ मिनट मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की सप्लाई बंद हो जाए तो वह हिस्सा काम करना बंद कर देगा और जिन अंगों पर उस हिस्से का कंट्रोल था, अपंगता आ जाती है।

What to do after Stroke : विंडो पीरियड अहम

स्ट्रोक आते ही तुरंत निकटम अस्पताल में मरीज को पहुंचाएं, जहां सीटी स्कैन एवं एमआरआइ की सुविधा हो। न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। लकवा आने के बाद विंडो पीरियड बहुत अहम है।

यदि व्यक्ति के लकवा आने के बाद 5-10 मिनट बाद उस अंग की शक्ति पुन: लौट आती है, तो उस स्थिति में भी डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसी स्थिति में लापरवाही गंभीर हो सकती है।

यदि मरीज बोल नहीं पा रहा है तो उसे तरल पदार्थ न पिलाएं।

स्ट्रोक की स्थिति में क्या न करें (what not to do after Brain Stroke)

जब स्ट्रोक होता है तो यह जानना उतना ही जरूरी है कि क्या नहीं करना चाहिए जितना कि सही कदम उठाना। कुछ कदम स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं या चिकित्सा उपचार में बाधा डाल सकते हैं। स्ट्रोक की आपात स्थिति में कुछ जरूरी बातों से बचना चाहिए:

खाना या पीना न दें: स्ट्रोक निगलने की क्षमता को कम कर सकता है जिससे घुटन का खतरा काफी बढ़ जाता है। अगर व्यक्ति होश में भी है तब तक उसे कुछ भी खाना या पीना न दें जब तक कि डॉक्टर सलाह न दें।

कोई दवा न दें: पेशेवर चिकित्सा सलाह के बिना एस्पिरिन सहित किसी भी प्रकार की दवा न दें। अन्य स्थितियों के लिए बनाई गई दवाएं स्ट्रोक के उपचार में बाधा डाल सकती हैं या रक्तस्रावी स्ट्रोक की स्थिति में रक्तस्राव को बढ़ा सकती हैं।