
Baba Vanga Prediction 2023 : Aliens coming to Earth?: फरवरी-मार्च महीने के बीच सामने आई सूर्य के एक हिस्से की टूटकर अलग होने की घटना ने खगोलविदों को हैरान करके रख दिया था। वहीं अब पृथ्वी के आकार के एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट से खगोलविदों ने रेडियो सिग्नल का पता लगाया है। ये सिग्नल लगातार आ रहे हैं और वैज्ञानिको की हैरानी का कारण बने हुए हैं। 2023 में सामने आ रही ऐसी घटनाएं बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से जोड़कर देखी जा रही हैं। दरअसल बुल्गारिया के भविष्य वक्ता बाबा वेंगा को दुनियाभर में उनकी भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है। प्रसिद्ध बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं और हो भी रही हैं। इसीलिए उन्हें बाल्कन क्षेत्र का नास्त्रेदमस भी कहा जाता है।
दरअसल, बाबा वेंगा द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर अपनी मृत्यु (1996) तक काफी प्रसिद्ध हुईं। कहा जाता है कि बाबा वेंगा अपने अनुयायियों को 5079 तक की भविष्यवाणी का हाल बताकर गई हैं। अब बात चाहे अमेरिका में आतंकी संगठन अलकायदा के 9/11 के हमले की हो या फिर डोनाल्ड ट्रम्प के पीएम बनने की, उनकी भविष्यवाणी सच हो चुकी हैं। वहीं अब वैज्ञानिक इस रेडियो सिग्नल के बाद अंदाजा यह भी लगा रहे हैं कि कहीं ये एलियंस तो नहीं, जो पृथ्वी से संपर्क करना चाहते हो।
बहरहाल जो भी हो...बाबा वेंगा ने आधिकारिक तौर पर अपनी भविष्यवाणियों का कभी कोई रिकॉर्ड नहीं रखा था, इसीलिए इस बात पर आज भी बहस होती है कि उन्होंने वास्तव में क्या कहा था? पत्रिका.कॉम के इस लेख में आप जानेंगे बाबा वैंगा द्वारा की गई 2023 की कुछ खास भविष्यवाणियां जो अब लोगों को डरा रही हैं। अब सवाल यह भी है कि क्या वाकई एलियंस हैं और अगर हैं तो क्या वे वाकई पृथ्वी पर आने की फिराक में हैं...अब बाबा वैंगा की ये बातें कितनी सही साबित होती हैं ये तो वक्त ही बताएगा...
क्या पृथ्वी पर पहुंचेंगे एलियंस
बाबा वैंगा की भविष्यवाणी पर गौर किया जाए, तो 2023 में एलियंस पृथ्वी पर आ सकते हैं। दुनिया अंधेरे में ढक जाएगी। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि यदि एलियंस पृथ्वी पर आते हैं, तो लाखों लोगों की मौत का कारण बन सकते हैं। अब इस भविष्यवाणी पर गौर किया जाए तो वैज्ञानिक भी इस बात से हैरान है कि पृथ्वी पर लगातार आने वाले रेडियो सिग्नल कहां से और कैसे आ रहे हैं, उनका एक अंदाजा यह भी है कि क्या वाकई एलियंस पृथ्वी से संपर्क करना चाहते हैं?
क्या कहती है रिपोर्ट...
दरअसल पृथ्वी के आकार के एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट से खगोलविदों ने रेडियो सिग्नल का पता लगाया है। ये सिग्नल लगातार आ रहे हैं। इन सिग्नलों के बाद खगोलविदों ने वहां जीवन होने की उम्मीद जताई है, क्योंकि इस जगह को रहने योग्य बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है चुंबकीय क्षेत्र, जिसका शोधकर्ता दावा कर रहे हैं।
इस ग्रह का नाम है YZ Ceti b और यह पृथ्वी से लगभग 12 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक छोटे लाल बौने तारे की परिक्रमा कर रहा है। यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन की नेशनल रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी के प्रोग्राम डायरेक्टर जो पेस के मुताबिक दूसरे सोलर सिस्टम में जीवन की संभावना वाले ग्रह की खोज इस बात पर निर्भर करती है कि चट्टानी और पृथ्वी जैसे एक्सोप्लैनेट्स में असल में चुंबकीय क्षेत्र है या नहीं? उनका मानना है कि इस शोध से पता चलता है कि इस चट्टानी एक्सोप्लैनेट में न केवल चुंबकीय क्षेत्र होने की संभावना है, बल्कि और भी बहुत कुछ है जिसे खोजा जा सकता है।
मैग्नेटिक फील्ड वह क्षेत्र है जो किसी ग्रह के वातावरण को शक्तिशाली स्टेलर हवाओं की वजह से खराब नहीं होने देता। जैसे, मंगल ग्रह का एक वातावरण हुआ करता था। यह एक गर्म और गीला ग्रह था। लेकिन चुंबकीय क्षेत्र खो देने के बाद इसका वातावरण धीरे-धीरे खत्म हो गया। हमारे सौर मंडल में बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून के पास अब भी चुंबकीय क्षेत्र हैं। यही नहीं पहले भी खगोलविदों को ऐसे एक्सोप्लैनेट के सबूत मिले हैं जिनका अपना मैग्नैटिक फील्ड था।
लेकिन हमें अब से पहले अपने सौर मंडल के बाहर छोटे, चट्टानी ग्रहों पर मैग्नेटिक फील्ड नहीं मिले थे। लेकिन इस एक्सोप्लैनेट से लगातार आ रहे रेडियो सिग्नल से कोई सुराग मिल सकता है। खगोलविदों का मानना है कि सिग्नल का मतलब यह है कि इस ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र, YZ Ceti तारे के साथ इंटरैक्ट कर रहा है, जिसकी परिक्रमा ये ग्रह करता है।
एक्सोप्लैनेट अपने तारे से इस तरह इंटरैक्ट करता है
लेकिन ज़्यादा खुश न होइए, क्योंकि भले ही YZ Ceti b का एक चुंबकीय क्षेत्र हो, लेकिन इस बात की कोई संभावन नहीं है कि वहां जीवन हो। असल में एक्सोप्लैनेट YZ Ceti के इतने करीब है कि इसकी ऑर्बिट केवल दो दिन की है। इसे ऐसे समझें कि हमारे सूर्य के सबसे नज़दीक बुध ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में केवल 88 दिन लगते हैं।
यह सिग्नल न्यू मैक्सिको में कार्ल जी. जांस्की वेरी लार्ज एरे को मिला था और इसकी पहचान पेन्सिलवेनिया में बकनेल यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री जैकी विलाडसन ने डेटा देखकर की। विलाडसन का कहना है कि हमने शुरुआती विस्फोट देखा और यह काफी सुंदर दिख रहा था। जब हमने इसे फिर से देखा, तो इससे संकेत मिलते हुए नजर आए।
क्या एलियन भेज रहे हैं सिग्नल?
सिग्नल क्यों आ रहे हैं, इस पर विलाडसन का कहना है कि यहां शक्तिशाली रेडियो वेव्स उत्पन्न हो रही हैं, क्योंकि ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र अपने तारे से निकलने वाले प्लाज्मा को पार करता है। इसी वजह से YZ Ceti b में छोटी ऑर्बिट के बावजूद एक चुंबकीय क्षेत्र है। यह अपने तारे के साथ इतना इंटरैक्ट करता है कि इसकी रेडियो तरंगें पृथ्वी से भी पकड़ ली गईं। रेडियो तरंगों की ताकत के आधार पर, शोधकर्ता चुंबकीय क्षेत्र तो दिखाने में सफल रहे, लेकिन उनका कहना है कि अगर इसकी पुष्टि की जाती है, तो यह पहला चट्टानी और पृथ्वी के आकार का एक्सोप्लैनेट होगा जिसमें सिग्नल देखा गया।
जानें बाबा वैंगा की 2023 को लेकर अन्य भविष्यवाणी
विनाशकारी सौर तूफान या सोलर तूफान
2023 के लिए बाबा वेंगा की सबसे चिंताजनक और बेहद भयानक भविष्यवाणियों में से एक है सौर तूफान या सोलर तूफान की भविष्यवाणी। बाबा वेंगा के मुताबिक 2023 में सौर तूफान आएंगे जो, एक बड़े विनाश का कारण बन सकते हैं। इस दौरान सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा के विस्फोट से निकले खतरनाक रेडिएशन पृथ्वी पर पड़ेंगे। ये रेडिएशन अरबों परमाणु बमों जिता विनाशकारी हो सकता है।
यहां जानें भविष्यवाणी कितनी फीसदी तक सच
वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारा सूर्य अपने 11 साल के सौर चक्र से गुजर रहा है और वह अभी बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। वैज्ञानिकों ने सूर्य में एक 'छेद' का पता लगाया है, जो पृथ्वी से भी 20 गुना बड़ा है। साइंस में इसे 'कोरोनल होल' कहते हैं। 'कोरोनल होल' एक काला धब्बा होता है, जो सूर्य के सबसे बाहरी स्फेयर 'कोरोना' में एक छेद के रूप में दिखाई देता है। दिलचस्प और हैरान कर देने वाली बात यह है कि एक सप्ताह में वैज्ञानिकों को सूर्य में दूसरा 'कोरोनल होल' दिखाई दिया है। अब देखना यह है कि बाबा वैंगा की यह भविष्यवाणी कितनी फीसदी तक सच साबित होती है।
पृथ्वी बदल सकती है धूरी
2023 के लिए बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के मुताबिक सूर्य के चारों ओर घूमने वाली पृथ्वी इस साल में अपना रास्ता बदल सकती है। दरअसल, इस तरह के बदलाव कई हजारों वर्षों में एक बार पृथ्वी पर होते हैं। पृथ्वी की कक्षा में जरा से बदलाव का प्रभाव गंभीर रूप ले सकता है। यह भविष्वाणी सच होगी या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन हाल ही में कई देशों में आए भयावह भूकंप को लेकर भूवैज्ञानिकों ने दुनिया भर को चेताया है। इस चेतावनी के मुताबिक पृथ्वी का अपनी धूरी से खिसकने की घटना का सामना भी हमें जल्द ही करना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो बाबा वैंगा की भविष्यवाणी सच साबित होगी।
प्रयोगशाला में जन्म लेंगे शिशु
बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों को माने जाएं, तो 2023 में इंसानों के बच्चे प्रयोगशालाओं में विकसित होने लगेंगे। साइंस में हो रही लगातार प्रगति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि लैब में शिशुओं के पैदा होने की अवधारणा वर्तमान में सही साबित हो सकती है। ऐसा अब होने भी लगा है। इस प्रयास में सफलता तो हमने पा ही ली है।
बायो वेपन का परीक्षण
बाबा वेंगा ने 2023 की अपनी भविष्यवाणी में यह भी कहा है कि एक बड़ा देश इंसानों पर बायो वेपन परीक्षण कर सकता है। इस परीक्षण से हजारों की संख्या में इंसान मौत की नींद सो सकते हैं।
Updated on:
11 Apr 2023 02:28 pm
Published on:
11 Apr 2023 02:07 pm
बड़ी खबरें
View Allराशिफल
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
