इन सबके बीच रूस ( Russia ) ने कोरोना की दवा Sputnik लॉन्च ( Covid-19 Vaccine ) कर दी है। इसे दुनिया की पहली कोरोना बताया जा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दवा को पहली वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावकारी बताया। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई देश वैक्सीन बनाने में दिखा रहे हैं, यह चेतावनी भी है कि प्रक्रिया में तेजी लाने का मतलब ये नहीं कि सुरक्षा पर समझौता कर लिया जाए।
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कितनी असरदार स्पुतनिक?
रूस ने पहली वैक्सीन बनाने का दावा कर सबको हैरानी में डाल दिया। हालांकि, कई देश इस पर संदेह भी जता रहे हैं। रूस ने इस दवा को स्पुतनिक V नाम दिया है। यह नाम रूस के उपग्रहों पर आधारित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यूएस की हेल्थ एजेंसी के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा कि हम लगातार रूसी हेल्थ अथॉरिटीज के साथ सम्पर्क में हैं, वैक्सीन से संबंधित डब्ल्यूएचओ की संभावित प्री-क्वालिफिकेशन को लेकर बातचीत हो रही है। किसी भी वैक्सीन की प्री-क्वालिफिकेशन में जरूरत के सभी सुरक्षा औऱ क्षमता डाटा की कठोर समीक्षा और मूल्यांकन होना बेहद जरूरी है।
वहीं, एम्स के निदेशक और कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने साफ कहा है कि रूस की वैक्सीन के इस्तेमाल से पहले इसकी सुरक्षा को परखना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसी चीजें हैं, जिसके बारे में जानकारी साफ होनी है।
165 कंपनियां वैक्सीन की रेस में
रिपोर्ट के अनुसार, WHO की लिस्ट में 165 कंपनियां कोविड की वैक्सीन के काम में जुटी है। ये कंपनी प्री क्लीनिकल स्टेज तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन इनमें ये केवल 23 ही मानव परीक्षण करने वाली हैं। इनमें से भी कई कंपनियां ऐसी होगी जो कि सफल भी नहीं हो पाएंगी। पिछले आंकड़ों पर नजर डाले तो, केवल एक चौथाई उम्मीदवारों को ही मानव परीक्षण के योग्य बताया गया था। इन सभी ट्रायल में भी पांच या छह ही सफल हों पाएं और इसे भी एक बड़ी सफलता ही माना जाएगा।
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