टिड्डी दल जिस जगह से होकर गुजर रहा है वहां रास्ते में आने वाली लहरा रही फसल ( Crop ) चट करता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भारत में टिड्डियों का ये 26 साल का सबसे बड़ा हमला है। टिड्डियों का ये संकट मॉनसून के आने तक चल सकता है।
एक्सपर्ट्स की माने तो अगर टिड्डियों के आतंक पर जल्द ही काबू नहीं पाया जाता है तो ये हजारों करोड़ रुपये की फसल को चट कर सकते हैं। कोरोना संकट ( Corona Crises ) के बीच भारत में टिड्डियों ( Locust Attack ) के हमले से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
ये टिड्डियां पाकिस्तान ( Pakistan ) से होते हुए अफ्रीका ( Africa ) भारत में दाखिल हुई हैं। भारत में जिन रेगिस्तानी टिड्डियों ( Locust ) ने हमला किया है, उन्हें बेहद ही विनाशकारी माना जाता है। टिड्डियों का ये दल 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है।
एक अनुमान के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड ( Locust Swarm ) में आठ करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं। जो कि एक दिन में 35 हजार लोगों के भोजन के बराबर फसल चौपट कर सकती है। टिड्डियां के पेरिस के आकार का एक झुंड माली, नाइजीरिया और फ्रांस ( France ) की आधी आबादी के बराबर खाना खा सकती है।
टिड्डियों का संकट केवल भारत या दक्षिण एशिया का नहीं है बल्कि ये समस्या दुनिया के 60 देशों में फैली है। अगर ये अपने हमले के चरम पर हों तो यह 60 देशों में बिखरे दुनिया के 20% हिस्से पर कब्जा कर लेती हैं। इनसे दुनिया की 10% आबादी की रोजी रोटी बर्बाद हो सकती है।
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कृषि मंत्रालय ( Ministry of Agriculture ) की रिपोर्ट के मुताबिक़ टिड्डियों का दल अब उत्तर प्रदेश के औरैया, इटावा, एटा, फर्रुखाबाद, फ़िरोज़ाबाद, आगरा, मथुरा, बुलंदशहर तक पहुंचने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रशासन ने 10 ज़िलों में हाई अलर्ट कर दिया है।
अगर अभी टिड्डियों के इस दल को भगा भी दिया गया तो भी एक्सपर्ट ये बता रहे हैं कि मॉनसून के बाद एक बार फिर ये घातक कीट भारत पर हमला कर सकता है। अगर तब का हमला भी इतना ही बड़ा हुआ तो ख़रीफ़ की फ़सल को क्षति हुई तो खाद्य सुरक्षा का संकट भी खड़ा हो सकता है।