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अनोखी परंपरा! यहां जवानी साबित करने के लिए लड़कों को सहना पड़ता है ऐसा दर्द

दुनिया में कई अजीबो गरीब परंपराएं देखने को मिलती हैं। कई बार हमको ऐसी परंपरा के बारे में सुनने को या पढ़ने को मिलता है जिसके बारे में पहले कभी नहीं सुना। आज आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है जहां पर लड़कों को अपनी जवानी साबित करनी पड़ती है।

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prove his youth

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नई दिल्ली। दुनिया में कई अजीबो गरीब परंपराएं देखने को मिलती हैं। कई बार हमको ऐसी परंपरा के बारे में सुनने को या पढ़ने को मिलता है जिसके बारे में पहले कभी नहीं सुना। आज आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है जहां पर लड़कों को अपनी जवानी साबित करनी पड़ती है। इसके लिए उनको ऐसा काम करना पड़ता है जो बहुत ही कठिन है। एक एक ऐसा रिवाज है जिसके बारे में आपने शायद ही पहने सुना होगा। हम बात कर रहे हैं सातेरे मावे नामक एक कबीले की। इसमें एक अजीब परंपरा निभाते आ रहे है। इस कबीले के रिवाज को निभाने के लिए जवान लड़के अपने आपको चींटी से कटवाते हैं।

बहुत तेज जलन जैसा होता है दर्द
आपको यह जानकर ताज्जूब होगा कि इस कबीले के लड़कों कोई आम घरेलू चींटियों से नहीं कटवाते है। वो जंगल में पाई जाने वाली बुलेट चीटिंया होती है। इन चींटियों के काटने से बहुत तेज जलन जैसा दर्द का अहसास होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह चींटियां दुनिया की सबसे तेज काटने वाली प्रजाति होती है। इस परंपरा के अनुसार, लड़का जंगल में जाकर खुद बुलेट चींटियां ढूंढता है।

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जोर जोर से काटती हैं चींटियां
उनको इकट्ठा करने के बाद उन्हें एक नशे की दवा दी जाती है। इसके बाद वो सो जाती है और उठने पर काटने को तैयार रहें। इन चीटियों को लड़की की छाल से बने दस्तानों में रख दिया जाता है। जागने के बाद ये चीटियां खुद को एक बंद दस्ताने में पाती हैं जिससे गुस्से के मारे ये बौखला जाती हैं। इसके बाद लड़के अपना हाथ इन दस्तानों में डालते हैं और चींटियां उस लड़के के हाथों पर जोर-जोर से काटती हैं।

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बहुत ही खतरनाक है परंपरा
इस अनोखे रिवाज के अनुसार, इन दस्तानों को कम से कम 10 मिनट तक बांधकर नाचना होता है। यदि कोई लड़का इससे अधिक समय तक दर्द सहन कर लेता है तो उसे बेहद ताकतवर माना जाता है। कई बार दर्द के कारण लड़के बेहोश भी हो जाते हैं। ऐसा का जाता है कि कई बार कुछ को पैनिक अटैक भी आ जाता है। यह बहुत ही खतरनाक परंपरा मानी जाती है।