
नई दिल्ली। होली ( Holi ) भारत का एक ऐसा त्योहार है जिसे पूरे देश के साथ विदेशों में भी कई जगहों पर बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग आपसी गिले-शिकवे भूलकर मिलकर एक-दूसरे की खुशियों की में शरीक होते है। इसलिए सभी धर्मों और समुदायों के लोग इस त्योहार को मिल-जुल कर काफी उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं।
इस मौके पर लोग एक-दूसरे को जम कर रंग-गुलाल लगाते हैं और एक से बढ़ कर एक लजीज व्यंजनों का स्वाद लेते हैं। होली के एक दिन पहले होलिका ( Holika ) दहन का कार्यक्रम होता है। आपको यह जानकर थोड़ी हैरानी भी हो सकती है कि भारत में कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां होली नहीं मनाई जाती है। आज हम आपको उन्हीं जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पुलिकात लेक ( Pulicat Lake )
पुलिकात लेक भारत के तमिलनाडु में राज्य में स्थित है। यहां मछुआरों की एक छोटी बस्ती है। इस जगह रहने वाले लोग मछली पकड़कर ही अपना जीवनयापन करते हैं। पुलिकात लेक बहुत ही शांत जगह है। अक्सर लोग यहां की सुकून की तलाश में घंटो बिता देते है।
मुन्नार ( Munnar )
दक्षिण भारत के राज्यों में होली उतने धूमधाम के साथ नहीं मनाई जाती जितनी कि उत्तर भारत में। अगर आप भी रंगों के इस त्योहार से परहेज करते है तो आप अपनी होली की छुट्टियां यहां बिता सकते है। मुन्नार अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के चाय बागानों में हरियाली की किसी का भी मन मोह लेगी। यहां होली का त्योहार यहां के लोग नहीं मनाते।
पुड्डुचेरी ( Puducherry )
पुड्डुचेरी पहले फ्रांस के शासन के अधीन था। हर साल यहां के समुद्र तट पर काफी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इस जगह पर चेन्न्ई या बेंगलुरु से आसानी से पहुंचा जा सकता है। पुड्डुचेरी के बाजार, चर्च और भवन बहुत ही शानदार हैं। पुड्डुचेरी में भी होली नहीं मनाई जाती है।
महाबलीपुरम ( Mahabalipuram )
महाबलीपुरम एक विश्व प्रसिद्ध शहर है। इस जगह को अपने मंदिरों के लिए पहचाना जाता है। चेन्नई के नजदीक होने के वजह से यहां सड़क मार्ग के जरिए दो घंटे में पहुंचा जा सकता है। यहां होली में ज्यादा शोर-शराबा देखने को नहीं मिलता और ना ही रंग-गुलाल उड़ाए जाते हैं।
अंडमान-निकोबार ( Andaman and Nicobar Islands )
निकोबार का हैवलॉक आइलैंड पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसलिए घूमने के लिहाज यह जगह लोगों की पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। समुद्र में घूमने और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने की पूरी सुविधाएं पर्यटकों को मिलती हैं। अंडमान-निकोबार में भी लोग होली नहीं मनाते है।
Updated on:
10 Mar 2020 11:20 am
Published on:
09 Mar 2020 08:20 am
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