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अगर हिस्ट्री पढ़ने का शौक है तो पुरातत्व विज्ञान में बनाएं कॅरियर, करें नई खोजें

पुरातत्वविद वे वैज्ञानिक होते हैं जो लोगों के समूह और पिछली सभ्यताओं के अवशेषों का अध्ययन करते हैं। वे उन चीजों का अध्ययन करते हैं जो लोग बहुत पहले अपने पीछे छोड़ गए थे, जैसे कि उनके घर, कपड़े, उपकरण, हड्डियां, व्यंजन आदि। यदि आप पुरातत्वविद बनना चाहते हैं तो आपको इतिहास और भूगोल का गहन ज्ञान होना चाहिए।

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Sunil Sharma

Nov 25, 2020

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पुरातत्व वह विज्ञान है जो भौतिक अवशेषों के माध्यम से प्राचीन या हाल के मानव अतीत का अध्ययन है। यह नृविज्ञान का एक उप-अनुशान भी है जो सभी मानव संस्कृतियों का अध्ययन है। विशेषज्ञों को आर्कियोलॉजिस्ट कहा जाता है। एक बहु-विषयक गतिविधि के रूप में, पुरातत्व में कला इतिहास, नृविज्ञान, भूविज्ञान, भाषा विज्ञान, इतिहास, भौतिकी और सांख्यिकी जैसे विभिन्न विषय शामिल हैं। पुरातत्व ग्रीक शब्द अर्कहाइलोगियो से लिया गया है जिसका अर्थ है प्राचीन इतिहास।

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क्या करते हैं पुरातत्वविद?
पुरातत्वविद वे वैज्ञानिक होते हैं जो लोगों के समूह और पिछली सभ्यताओं के अवशेषों का अध्ययन करते हैं। वे उन चीजों का अध्ययन करते हैं जो लोग बहुत पहले अपने पीछे छोड़ गए थे, जैसे कि उनके घर, कपड़े, उपकरण, हड्डियां, व्यंजन आदि। वे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रागैतिहासिक समाजों के तरीकों की भी जांच करते हैं। अनुसंधान उद्देश्य से विभिन्न संस्कृतियों के रीति-रिवाजों, मूल्यों आदि का भी अध्ययन करते हैं। यदि आप पुरातत्वविद बनना चाहते हैं तो आपको इतिहास और भूगोल का गहन ज्ञान होना चाहिए।

पुरातत्वविद बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता
इस क्षेत्र में डिप्लोमा, स्नातक, मास्टर और डॉक्टरेट जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसमें स्नातक कोर्स करने के लिए उम्मीदवार ने किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास कर रखी हो। मास्टर कोर्स के लिए छात्र-छात्राओं के पास संबंधित क्षेत्र जैसे पुरातत्व, भारतीय इतिहास संस्कृति, नृवज्ञिान आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। पीजी डिप्लोमा के लिए छात्रों के पास प्राचीन/मध्यकालीन भारतीय इतिहास या पुरातत्व में मास्टर डिग्री होनी चाहिए।

कॅरियर स्कोप
आवश्यक योग्यता और कौशल हासिल करने के बाद, पुरातत्वविद सरकारी और निजी क्षेत्र में विभिन्न पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। पुरातत्व में स्नातकोत्तर डिप्लोमा करने के बाद आप विभिन्न विश्वविद्यालयों या संस्थानों में व्याख्याता के पद के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। एक पुरातत्वविद के रूप में आप संग्रहालय कलाकृतियों के सुरक्षित रखरखाव रखरखाव और प्रबंधन के लिए निजी या सरकारी स्वामित्व वाले संग्रहालयों में काम कर सकते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में कर सकते हैं काम
पुरातत्व के इस पेशे में, उन लोगों को नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा होती है जो हजारों साल पहले मौजूद मनुष्यों, जानवरों, या सभ्यता के अतीत को जानने में रुचि रखते हैं। उम्मीदवार यूपीएससी या कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से सरकारी क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं। आप पर्यटन गाइड, दुभाषियों के रूप में भी नौकरी पा सकते हैं।

इन पदों पर भी कर सकते हैं काम
पुरातत्व में डिग्री हासिल करने के बाद आप पुरातत्तववेत्ता, ऐतिहासिक भवन निरीक्षक/ संरक्षण अधिकारी, संग्रहालय/ गैलेरी क्यूरेटर, विरासत प्रबंधक, प्रलेखन विशेषज्ञ और संग्रहालय शिक्षा अधिकारी के रूप में भी काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राष्ट्रीय धरोहर एजेंसियां, आइसीएचआर आदि शीर्ष कंपनियां हैं जो लोगों को नौकरियां प्रदान करती हैं।

वेतनमान
पुरातत्वविद के रूप में कॅरियर शुरू वालों को शुरुआती वेतन 2.50 लाख रुपए सालाना या उससे अधिक मिल सकता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता जाएगा आपका वेतनमान भी बढ़ता जाएगा। हालांकि, वेतन पैकेज शिक्षा, कार्य क्षेत्र, कौशल के स्तर, अनुभव और कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा। इस क्षेत्र में बेहतर कॅरियर और अच्छे सैलेरी पैकेज के लिए डॉक्टरेट की डिग्री जरूरी है।