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लाखों की लग्जरी बस बिक रही है 45 रुपये किलो, जानें क्या है पूरा मामला

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दिया। लॉकडाउन की वजह से करोड़ों लोगों के काम-धंधे पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसी कारण एक हैरान करने वाला मामला केरल के कोच्चि से सामने आया है।

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Mahima Pandey

Feb 14, 2022

Lakhs of luxury buses are being sold for Rs 45 a kg, know the matter

Lakhs of luxury buses are being sold for Rs 45 a kg, know the matter

कोरोना महामारी ने सभी के आर्थिक जीवन को भी काफी प्रभावित किया है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए तो काइयों का व्यापार ठप हो गया है। कई लोग पेट पालने के लिए अपना कीमती समान भी बेचने को मजबूर हो गए। अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां दुखी मालिक ने लग्जरी बसों को बेचने का निर्णय कर सभी हैरान कर दिया। हैरानी सिलिए क्योंकि वो लाखों की बसों को केवल कुछ रुपयों में बेच रहा है।

20 में से केवल 10 लग्जरी बसें ही रह गई हैं

ये मामला केरल का है जहां कोच्चि का रहने वाले रॉयसन जोसेफ ने अपनी लग्जरी बसों को कबाड़ के भाव पर बेचने का निर्णय लिया है। फिलहाल, रॉयसन के पास 20 लग्जरी थीं, जिनमें से 10 ही बची हैं जिन्हें वो महज 45 रुपये किलो के हिसाब बेच रहा है।

मजबूर हुए बसों को बेचने के लिए

आर्थिक स्थिति से तंग आकर रॉसन अपनी लग्जरी बसों के पार्टस को कबाड़ के दाम पर 45 रुपये किलो बेचा जा रहा है। रॉसन जोसेफ ने बतय कि 'उनके लिए जिंदगी जीना कठिन हो रहा है। कोरना माहामारी से पहले अलग-अलग साइज की कुल 20 बसें थीं, अब 2 साल बाद उनके पास 10 बसे ही बची हैं। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में वे बची हुई बसों को भी ऐसे ही बेच देंगे।

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रॉयसन जोसेफ ने सुनाया अपना दुखड़ा

रॉयसन जोसेफ ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि 'हालात वास्तव में कठिन हो गए हैं। मेरी और मेरे परिवार की काफी खराब चल रही है। मेरी सभी बसों पर 44,000 रुपये का टैक्स है और लगभग 88,000 रुपये का बीमा है। इन दोनों का भुगतान करना पड़ता है। रविवार को जब लॉकदोन लागू हुआ था और कई प्रतिबंध लगाए गए थे। उस समय प्री बुक यात्रा संभव है कहा गया था। मुझे पुलिस ने कोवलम की एक पर्यटक यात्रा के दौरान 2,000 रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा था।'

बस बेचने के कई मामले

वहीं, इस मामले पर कॉन्ट्रेक्टर कैरिज ऑनर्स एसोसिएशन (CCOA) के चेयरमैन बीनू जॉन का कहना है कि ये कोई पहली घटना नहीं है जब कोई बस का मलिक इस तरह से बस बेच रहा है। वास्तव में टूरिस्ट बसों का वजन करीब 8 से 9 टन होता है। ऐसे में बस मलिक को स्क्रैप बेचने पर करीब 4-5 लाख रुपये मिल जाते हैं।' बीनू जॉन ने बताया कि जो बस मलिक लों नहीं चुका पाते वो बसों के स्क्रैप बेचनकर लों पर ली गई बसों की EMI भरते हैं।

CCOA के चेयरमेन भी बसों को बेचने को मजबूर

कॉन्ट्रेक्टर कैरिज ऑनर्स एसोसिएशन (CCOA) के चेयरमैन बीनू जॉन ने ये भी जानकारी दी कि उन्होंने भी अपनी तीन बसों को ऐसे ही बेचा है और दो और बसों को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। ये जीवनी चलाने के लिए मजबूरी में करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से EMI में राहत देने की भी मांग की है।

CCOA के पास 14,00 बसें

बता दें कि केरल में CCOA के 3,500 सदस्य हैं जिनके पास 14,000 बसें हैं। एक सीटर लग्जरी बस की कीमत 50 लाख रुपये होती है। कोरोना के कारण ये बसें काफी कम ट्रिप कर पा रही हैं जिस कारण जोसेफ जैसे बस मलिक इसे कबाड़ के दाम पर बेच रहे हैं।

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