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नन्हा स्पाइडर मैन: बिना किसी सहारे चढ़ता है दीवारों पर, देखें वीडियो

आपने हॉलीवुड फिल्म 'स्पाइडर मैन' (Spider Man) तो देखी ही होगी, जिसमें एक युवक सरपट दीवारों पर कुछ सेकंड्स में ही चढ जाता है। आज आपको रियल स्पाइडर मैन से मिलवाने जा रहे है, जो बड़ी आसानी से दीवार पर चढ़ जाता है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि यह स्पाइडर मैन महज 7 साल का बच्चा है।

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little spider man

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आपने हॉलीवुड फिल्म 'स्पाइडर मैन' (Spider Man) तो देखी ही होगी, जिसमें एक युवक सरपट दीवारों पर कुछ सेकंड्स में ही चढ जाता है। आज आपको रियल स्पाइडर मैन से मिलवाने जा रहे है, जो बड़ी आसानी से दीवार पर चढ़ जाता है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि यह स्पाइडर मैन महज 7 साल का बच्चा है। यह बिना किसी सपोर्ट के दीवार पर चढ़ने में माहिर है। उसके चढ़ने का अंदाज देखकर आप भी कहेंगे कि, ये तो बिलकुल सुपर हीरो है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में दादानगर कॉलोनी में रहने वाला 7 वर्षीय यथार्थ सिंह गौर इन दिनों अपने कारनामे के कारण सुर्खियों में है।


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स्पाइडर मैन को मानता है अपना रियल हीरो
यथार्थ पलक झपकते ही 8 से 10 फीट दीवार पर चढ़ जाता है। छिपकली की तरह वह अपने पैरों को दीवारों को जमा लेता है। इस अनोखी कला के लिए स्कूल और आसपास के क्षेत्र में वह 'नन्हा स्पाइडर मैन' के नाम से मशहूर है। यथार्थ का कहना है कि वह स्पाइडर मैन को अपना रियल हीरो मानता है। स्पाइडर मैन की मूवी को देखकर उसने दीवारों पर चढ़ने की कोशिश की। इस दौरान वह कई बार गिरा और चोटिल हो चुका है। इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी। एक दिन वह दीवार पर चढ़ने में कामयाब रहा। अब वह तेजी से 10 फीट की दीवार पर चढ़ और उतर सकता है।


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बनना चाहता है आईपीएस
यथार्थ अपनी इस कला को लेकर बेहद खुश है। नन्हा स्पाइडर मैन का कहना है कि मुझे बहुत अच्छा लगता है, जब स्कूल में लोग मुझे स्पाइडर मैन के नाम से पुकारते हैं। लेकिन बड़े होकर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता हूं। उसे भी स्पाइडर मैन की तरह लोगों की और देश सेवा करनी है। यथार्थ का कहना है कि जब शुरू में वो दीवार पर चढ़े तो उन्होंने अपने बड़े भाई को बुलाकर दिखाया। फिर भाई ने परिवार के सभी सदस्यों को बुलाकर दिखाया। हर किसी ने उन्हें समझाया। लेकिन धीरे-धीरे वो अभ्यास करते रहे और अब हर किसी के मन से डर निकल गया। यथार्थ की मां गरिमा बताती हैं कि हमें इसे देखकर काफी डर लगता है क्योंकि इसमें चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। मैंने उसको डांट कर मना भी किया था। इसकी शिकायत भी मैंने यथार्थ के पिताजी से की थी। उन्होंने भी उसको समझाया। लेकिन यह दीवार पर चढ़ना बंद नहीं किया।