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लॉकाडाउन की वजह से रास्ते में फंस गया था लड़का, बेटे से मिलने की चाह में मां ने 1400 किमी. चलाई स्कूटी

locationनई दिल्लीPublished: Apr 10, 2020 08:00:54 am

Submitted by:

Piyush Jayjan

सरकार के लॉकडाउन घोषित करने से रजिया बेगम का बेटा नेल्लोर में फंस गया था।
रजिया ने अपने बेटे की घर वापसी के लिए 1400 किमी. लम्बे सफर पर निकल पड़ी।

Mom’s 1400 kilometer ride to get son

Mom’s 1400 kilometer ride to get son

नई दिल्ली। हर इंसान से बात से बहुत अच्छे से वाकिफ हैं कि दुनिया में कोई भी मां अपनी औलाद के लिए कुछ भी कर गुजर सकती है। इसलिए मां के प्रेम की तुलना भी किसी ओर से नहीं की जा सकती। एक मां ने अपने बेटे के लिए कुछ ऐसा किया जिसके बारे में सुनकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है।

दरअसल मामला ये है कि लॉकडाउन ( Lockdown ) के चलते एक महिला का बेटा दूसरे राज्य में फंस गया था। जैसे ही मां को इसकी खबर मिली तो उसके होश उड़ गये। महिला अपने बेटे को वापस लाने अधिकारियों की अनुमति लेकर अकेली स्कूटी पर निकल पड़ी।

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इस दौरान महिला ने लगभग 1400 किलोमीटर का सफर किया। कामारेड्डी जिले के बोधन निवासी रजिया बेगम ( Razia Begum ) सरकारी स्कूल में टीचर है और उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। 12 साल पहले उसके पति की मौत हो चुकी है, तब से रजिया बेगम ही खुद ही बच्चों की देखभाल कर रही हैं।

 

रजिया बेगम का छोटा बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन इंटर की पढ़ाई पूरी करके हैदराबाद ( Hyderabad ) में कोचिंग ले रहा है। नेल्लोर निवासी और उसका दोस्त बोधन में इंटर की पढ़ाई कर रहा है। इंटर की परीक्षा के लिए दोनों हैदराबाद से बोधन आ गये। इसी बीच उसके दोस्त के बाप की तबीयत ठीक नहीं होने की खबर आई।

अब दोनों मिलकर 12 मार्च को नेल्लोर के लिए रवाना हो गए। इसी बीच सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इसके चलते रजिया बेगम का बेटा नेल्लोर में फंस गया। बेटे के नेल्लोर फंसे जाने की खबर मिलते ही मां से रहा नहीं गया। रजिया बेगम ने जब इसे बारे में बोधन के एसीपी जयपाल रेड्डी को बताया चो उन्होंने उसे एक पत्र लिखकर दिया।

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इस पत्र को लेने के बाद रजिया अपने सफर पर निकल पड़ी। रजिया सोमवार को सुबह उस पत्र लेकर नेल्लोर के लिए रवाना हुई, अगले दिन दोपहर को वहां पहुंची। हालांकि इस बीच कई गांव वालों ने रजिया से रुक जाने के लिए भी कहा मगर इसके बावजूद वह रुकी नहीं और उसी दिन शाम को बेट को स्कूटी पर बिठाकर वापस रवाना हुई। बुधवार दोपहर को वह बेटे को लेकर कामारेड्डी पहुंची।

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