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आधे से अधिक संक्रमितों में नहीं दिख रहे लक्षण, फिर भी दूसरो के लिए खतरा साबित हो रहा है कोरोना

Published: Apr 20, 2020 09:53:32 am

Submitted by:

Piyush Jayjan

एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कोरोनावायरस ( Coronavirus ) के मामलों में से 50 से 82 प्रतिशत ऐसे हैं जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण ही नहीं दिखे हैं।

Coronavirus

Coronavirus

नई दिल्ली। भारत में पिछले कुछ दिनों में कोरोना का संक्रमण तेजी के साथ बढ़ा है। इसी का नतीजा है कि देशभर में फिलहाल कोरोना वायरस ( coronavirus ) के मामले बढ़कर 16 हजार से ज्यादा हो गए हैं। वहीं अब तक इस जानलेवा बीमारी से 500 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस खतरनाक वायरस से अब तक 2300 लोग ठीक हो चुके हैं। जो कि कुल मामलों का 14 प्रतिशत है। वहीं अब एक ओर तथ्य सामने आया है कि देश में आए कोरोना वायरस के मामलों में से 50 से 82 प्रतिशत ऐसे हैं जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण ही नहीं दिखे हैं।

एक रिपोर्ट ( Report ) में इस बात का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के अधिकारियों का हवाला देकर लिखा बताया गया है कि लक्षण न होने के चलते 3 मई के बाद लॉकडाउन ( Lockdown ) के नियमों में ढील दी जाए या नहीं इसे लेकर संशय बना हुआ है।
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लक्षण न दिखने पर भी लोगों को संक्रमित कर सकता कोरोना

कई कोरोना के मरीज में बीमारी के लक्षण नहीं दिखते हैं। इसकी एक वजह है मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र लेकिन इसके बावजूद भी ये व्यक्ति कई अन्य लोगों में वायरस को फैला सकता है। इसलिए डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड-19 के लक्षण दिखना वायरस के दबाव, उम्र और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काफी हद तक निर्भर है।

एक डॉक्टर के मुताबिक अगर वायरस घातक नहीं होता तो लक्षण भी नहीं दिखते, लेकिन ये टेस्ट में दिख जाते हैं। कोलकाता में एक 21 महीने का हल्का बुखार ठीक होने के बाद उसे कोरोना से संक्रमित पाया गया। जबकि बच्चे में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे लेकिन एक्स-रे करने पर उसके फेफड़ों में धब्बे पाए गए।

ऐसे में जब तक बड़े पैमाने पर परीक्षण नहीं किया जाता है, ऐसे ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना मुश्किल है। जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं ऐसे लोगों की टेस्टिंग हाल में ही शुरू की गई है। हालांकि सरकार ने रैपिड और पूल टेस्टिंग करने का फैसला किया है जिसके बाद आने वाले दिनों में संक्रमण के केस बढ़ सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पूल टेस्ट किए जा रहे हैं, जिसमें कि लगभग 64 लोगों तक के सैंपल्स को एक साथ जांचा जा सकता है। अगर इन सबके नतीजे पॉजिटिव पाए जाते हैं तो सभी लोगों की अलग जांच की जाती है और संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जाती है।

असम ( Assam ) एक ऐसा ही राज्य है जहां ज्यादा केस सामने नहीं आए क्योंकि क्योंकि यहां ज्यादातर सकारात्मक मामले लक्षणहीन लोगों के ही थे। राज्य के 34 कोरोना ( Corona ) पॉजिटिव लोगों में से 82 प्रतिशत में किसी भी तरह का कोई लक्षण ही नहीं दिखे।

ऐसा नहीं है कि यह ऐसा सिर्फ छोटे राज्यों में ही हो रहा हो। देश के दूसरे राज्यों जैसे पंजाब ( Punjab ) और उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में 75 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 65 प्रतिशत और कर्नाटक में 50 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनमें कोई भी लक्षण नहीं दिखाई पड़ा।

 

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