9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

New Desert Safari Destination: जयपुर से 30 KM दूर नया टूरिस्ट हब, नदी के पास होती है डेजर्ट सफारी

New Destination of Desert Safari in Rajasthan: जयपुर जिले से 30 किलोमीटर दूर चौमूं-सामोद के बीच बंदौल नदी के पास एक नया डेजर्ट टूरिस्ट (Desert Tourism) डेस्टिनेशन के तौर पर उभरा है। पर्यटक भी गांवों में पहुंच कैमल डेजर्ट सफारी का लुत्फ ले रहे हैं।

2 min read
Google source verification
Desert Safari in Jaipur, Rajasthan

जयपुर जिले में ग्रामीण पर्यटन की नई शुरुआत हो रही है। जयपुर घूमने आ रहे विदेशी पर्यटक (foreign tourist) विश्व प्रसिद्ध आमेर महल, हवामहल और अल्बर्ट हॉल जैसे स्मारकों का दीदार करते हैं। वहीं, शहर की भीड़भाड़ से दूर आस-पास गांवों में पहुंच कैमल डेजर्ट सफारी (Desert Safari) का लुत्फ ले रहे हैं।

New Desert Safari Destination: बंदौल नदी

राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राठौड़ के अनुसार जयपुर से 30 किलोमीटर दूर चौमूं-सामोद के बीच बंदौल नदी ग्रामीण पर्यटन के हिसाब से नया डेजर्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन (Desert Tourist Destination) के तौर पर उभरा है। यहां आने वाले पर्यटक एक दिन शहर में घूमते हैं। दूसरे दिन सुबह 10 बजे चौमूं-सामोद के रास्ते बंदौल नदी पहुंचते हैं। नदी के 3 KM क्षेत्र में स्थानीय लोग पर्यटकों को दो से तीन घंटे कैमल डेजर्ट सफारी कराते हैं।

यह भी पढ़ें : जबरदस्त वायरल हो रहा राजस्थान की सबसे लंबी रेल सुंरग में फर्राटे से दौड़ती ट्रेन का वीडियो, आप भी देखें

Jaipur Tourism पर कोरोना का प्रभाव

कोरोना के बाद जयपुर आने वाले विदेशी पर्यटकों के घूमने के शौक में बदलाव देखने को मिला है। पर्यटक कुछ समय के लिए ग्रामीण पर्यटन को करीब से देखना चाहते हैं। पहले विदेशी पर्यटकों का जयपुर टूर दो दिन का होता था। अब इस टूर में ग्रामीण पर्यटन भी शामिल हो गया है और टूर तीन दिन का होता है। टूर के तीसरे दिन पर्यटक आस-पास के ग्रामीण इलाको में पहुंच रहे हैं।

यह भी पढ़ें : पूरे राजस्थान में इस शादी के कार्ड ने मचा दिया था तहलका, हिल गया था प्रशासन, दूल्हे को भरना पड़ा था भारी भरकम जुर्माना

Desert Safari टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि...

प्रतिदिन तीन से चार ग्रुप बंदौल नदी में कैमल डेजर्ट सफारी करने जा रहे हैं। 2-3 घंटे की सफारी के बाद सैलानी चौमूं, सामोद व क्षेत्रों के किले-मंदिरों को भी देखने जा रहे हैं। इससे ग्रामीण विरासत को नई पहचान मिल रही है। कैमल डेजर्ट सफारी से ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल रहा है।