
जयपुर जिले में ग्रामीण पर्यटन की नई शुरुआत हो रही है। जयपुर घूमने आ रहे विदेशी पर्यटक (foreign tourist) विश्व प्रसिद्ध आमेर महल, हवामहल और अल्बर्ट हॉल जैसे स्मारकों का दीदार करते हैं। वहीं, शहर की भीड़भाड़ से दूर आस-पास गांवों में पहुंच कैमल डेजर्ट सफारी (Desert Safari) का लुत्फ ले रहे हैं।
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राठौड़ के अनुसार जयपुर से 30 किलोमीटर दूर चौमूं-सामोद के बीच बंदौल नदी ग्रामीण पर्यटन के हिसाब से नया डेजर्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन (Desert Tourist Destination) के तौर पर उभरा है। यहां आने वाले पर्यटक एक दिन शहर में घूमते हैं। दूसरे दिन सुबह 10 बजे चौमूं-सामोद के रास्ते बंदौल नदी पहुंचते हैं। नदी के 3 KM क्षेत्र में स्थानीय लोग पर्यटकों को दो से तीन घंटे कैमल डेजर्ट सफारी कराते हैं।
कोरोना के बाद जयपुर आने वाले विदेशी पर्यटकों के घूमने के शौक में बदलाव देखने को मिला है। पर्यटक कुछ समय के लिए ग्रामीण पर्यटन को करीब से देखना चाहते हैं। पहले विदेशी पर्यटकों का जयपुर टूर दो दिन का होता था। अब इस टूर में ग्रामीण पर्यटन भी शामिल हो गया है और टूर तीन दिन का होता है। टूर के तीसरे दिन पर्यटक आस-पास के ग्रामीण इलाको में पहुंच रहे हैं।
प्रतिदिन तीन से चार ग्रुप बंदौल नदी में कैमल डेजर्ट सफारी करने जा रहे हैं। 2-3 घंटे की सफारी के बाद सैलानी चौमूं, सामोद व क्षेत्रों के किले-मंदिरों को भी देखने जा रहे हैं। इससे ग्रामीण विरासत को नई पहचान मिल रही है। कैमल डेजर्ट सफारी से ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल रहा है।
Updated on:
12 Mar 2024 09:33 pm
Published on:
12 Mar 2024 02:12 pm
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