
कहीं आपने भी तो नहीं खिलाई अपने बच्चों को 'सर्दी-बुखार' की ये दवा, अब पड़ सकते हैं लेने के देने
नई दिल्ली। किसी भी घर के फर्स्ट ऐड बॉक्स में एक दवा तो ज़रूर रहती है ये दवा अमूमन सर्दी-बुखार में खाई जाती है। ऐसा तो ज़रूर हुआ होगा कि आपने खुद भी और अपने बच्चों को भी यह दवा बुखार में खाई और खिलाई होगी लेकिन, क्या आपको पता है यह आपके बच्चों के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है? यह घातक दवा और कोई नहीं बल्कि पैरासिटामोल है जो ज़ुखाम-बुखार में आम तौर पर खाई जाती है। एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि, 2 साल तक की उम्र के बच्चों के इस दवा को सेवन करने से यह उनके लिए जवानी में घातक हो सकती है। शोध में सामने आया है कि, 18 साल की उम्र में ऐसे लोग अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं जिन्होंने बचपन में ये दवा खाई है। यह उन बच्चों के साथ खासकर होता है जिन बच्चों में जिनमें ग्लूटाथियोन एस-ट्रांसफेरेज (जीएसटी) जीन का एक विशेष प्रकार जीएसटीपी1 पाया जाता है।
विशेषज्ञों की मानें तो जिन बच्चों के शरीर में जीएसटी की कमी होती है, उनमें फेफड़े की इस बीमारी से प्रभावित होने का खतरा ज्यादा रहता है। शोधकर्ताओं के मानें तो, अभी सिर्फ पैरासिटामोल और अस्थमा के संबंध के बारे में जानकारी मिली है। बता दें कि, पैरासिटामोल शरीर में मौजूद ग्लूटाथियोन को खत्म कर देता है। गौरतलब है कि, इस दवा का प्रयोग आम तौर पर बुखार, सर दर्द और अन्य छोटे मोटे दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है और यह असंख्य सर्दी और फ्लू के उपचार में काम में ली जाने वाली दवाओं का प्रमुख अवयव है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ग्लूटाथियोन फेफड़ों को जहरीले तत्वों से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित होता है। जिन लोगों के शरीर में जीएसटी एंजाइम की गतिविधियां नहीं पाई जाती हैं वे अगर पैरासिटामोल का इस्तेमाल करते हैं तो उनके फेफड़ों में संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है।
Published on:
18 Sept 2018 05:55 pm
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