16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेट्रो स्टेशन पर बुजुर्ग की सहायता करने वाली महिला बनी ‘मेट्रो हीरो’, 20 मिनट तक करती रही कोशिश लेकिन…

ल्थकेयर क्लीनिकल ट्रेनर प्रियंका कस्टमर केयर सेंटर पहुंची जहां उसने देखा की एक 76 वर्षीय बुजुर्ग को दौरा पड़ा था।

2 min read
Google source verification

image

Priya Singh

Jun 15, 2018

Priyanka who helped the elderly at the metro station called metro hero

मेट्रो स्टेशन पर बुजुर्ग की सहायता करने वाली महिला बनी 'मेट्रो हीरो', 20 मिनट तक करती रही कोशिश लेकिन...

नई दिल्ली। चकाला मेट्रो स्टेशन पर बुधवार शाम 7.30 बजे प्रियंका नाम की महिला ऑफिस का काम खत्म कर घर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थी कि तभी उसने मेट्रो स्टेशन पर एक घोषणा सुनी, जिसमें चिकित्सा आपातकाल में सहायता के लिए हेल्थ केयर पेशेवर को कस्टमर केयर अधिकारी से मिलने का अनुरोध किया जा रहा था। प्रियंका ने यह घोषणा सुनी और सीधा कस्टमर केयर की तरफ बढ़ी। हेल्थकेयर क्लीनिकल ट्रेनर प्रियंका कस्टमर केयर सेंटर पहुंची जहां उसने देखा की एक 76 वर्षीय बुजुर्ग को दौरा पड़ा था। हेल्थकेयर में एचओएमई (एचसीएएच) प्रशिक्षण प्राप्त प्रियंका ने हालात संभालते हुए एम्बुलेंस आने तक (करीब 20 मिनट) बुजुर्ग का उपचार किया।

29 साल से धूल फांक रही तैयब की 'काली' की लगी बोली, कीमत इतनी के टूट गया रिकॉर्ड

चकाला मेट्रो स्टेशन के कुछ कर्मचारियों के साथ प्रियंका ने एम्बुलेंस में रोगी के साथ यात्रा की और डॉक्टरों के साथ मिलकर उस बुजुर्ग को बचाने में मदद की लेकिन उस व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। हालांकि प्रियंका के कार्य की वहां मौजूद सभी लोगों ने सराहना की। प्रियंका ने रोगी को न बचा पाने पर अफसोस जताया और कहा कि उसे गर्व है कि एचओएमई में लिया हेल्थकेयर प्रशिक्षण उसके काम आया। चकाला स्टेशन नियंत्रक ने प्रियंका को 'मेट्रो हीरो' बैज के साथ प्रशंसा की और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया।

सुबह उठते ही लड़खड़ाकर चलने लगी बच्ची, फिर कंघी कर रही मां के सामने आया हैरान कर देने वाला सच

समाज के लिए उदाहरण...

चकाला मेट्रो स्टेशन के स्टेशन नियंत्रक विजय ने कहा, "उन्होंने समाज के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। प्रियंका जैसे जिम्मेदार लोग हमारे समाज को बेहतर बनाते हैं। उसे 'मेट्रो हीरो' के रूप में पहचानना हमारा सम्मान है। जीवन बचाने के हमारे प्रयासों में सक्रिय समर्थन करने के लिए हम उनका आभारी हैं।"

जूते के डिब्बे में भरकर आई थी इस चीज को बेचने, दुकान पर गई तो मिला सूटकेस भर पैसा