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कोरोना ने हाथियों को घर लौटने पर किया मजबूर, पर्यटकों की कमी की वजह से नहीं मिल रहा था खाना

थाईलैंड ( Thailand ) में ठप पड़े पर्यटन उद्योग की वजह से हाथियों के मालिकों के पास इनके खाने-पीने का इंतज़ाम कर पाना दूभर हो गया है।

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Piyush Jayjan

May 13, 2020

Elephants

Elephants

नई दिल्ली। कोरोनावायरस ( Coronavirus ) के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही हैं। इस ख़तरनाक वायरस ( Virus ) ने आम जन-जीवन भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसका असर न सिर्फ़ मनुष्यों पर पड़ा है, बल्कि जानवरों को भी कोरोना महामारी की वजह से ढेरों परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।

थाइलैंड ( Thailand ) में पर्यटन उद्योग ( Tourism Industry ) पर कोरोनावायरस का व्यापक असर पड़ने की वजह से करीब सैकडों हाथियों ( Elephants ) के भूखे मरने की नौबत आ गई है। दरअसल ठप पड़े पर्यटन उद्योग की वजह से हाथियों के मालिकों के पास इनके खाने-पीने का इंतज़ाम कर पाना दूभर हो गया है।

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थाईलैंड में हाथी पर्यटकों ( Tourist ) पर निर्भर हैं। यहां घूमने आने वाले विदेशी मेहमानों की कमी की वजह से हाथियों के लिए खाना जुटाना मुश्किल हो गया है। इसलिए सैकडों हाथियों को इस जगह से 150 किलोमीटर (95 मील) दूर वापस उनके घर भेजा रहा हैं।

लंदन ( London ) स्थित वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन का कहना है कि 2,000 से अधिक बाघ और हाथियों पर भुखमरी का खतरा है क्योंकि उनके मालिक उन्हें खिलाने में असमर्थ हैं। एलीफेंट के संस्थापक सेवेनडूइल शैलेर्ट ने कहा कि बेरोजगार हाथियों को घर लाने की परियोजना उनके मालिकों की अपील के जवाब में शुरू की गई थी।

एक समूह हाथियों को बसाने का वादा करता है जहां वे ग्रामीणों के साथ स्थायी पर्यावरण के अनुकूल समुदायों में रह सकते हैं। इस समूह का यह मानना है कि कई हाई-प्रोफाइल पर्यटक आकर्षणों वाली जगहों पर इन जानवरों ( Animals ) का दुरुपयोग किया जाता है।

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इन हाथियों को 20 साल तक घर लौटने का मौका नहीं मिला। लेकिन अब घर पहुंचने पर वे बहुत खुश लग रहे हैं, यहां के लोगों का कहना हैं कि इनका शोर सुनकर आप इनकी खुशी का पता लगा सकते हैं, वे हमारे बच्चों के साथ मस्ती करते हैं। हमें नहीं पता कि ये बीमारी कब तक खत्म होगी मगर यह हमारा काम है कि हाथी भूखे न रहें।