27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फांसी पर लटकाने के बाद अपराधी की डेड बॉडी के साथ होता है क्या सलूक, जानें सब कुछ यहां

अक्सर आपने सुना होगा कि फांसी के लिए सुबह का वक्त ही चुना जाता है। सूर्योदय के वक्त फांसी देने के पीछे की एक वजह यह है कि ताकि इसके बाद शव से जुड़ी तमाम प्रक्रिया को बचे हुए दिन में निपटाया जा सकें।

less than 1 minute read
Google source verification
punishment hang till death

punishment hang till death

नई दिल्ली। आख़िरकार 7 साल के लम्बे इंतजार के बाद निर्भया ( Nirbhaya Gang Rape Case ) को इंसाफ नसीब हो ही गया। इसमें कोई दोराय नहीं कि लड़ाई लम्बी थी लेकिन अंत में फैसला निर्भया के पक्ष में आया। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों गुनाहगारों को 20 मार्च की सुबह यानी आज फांसी पर लटका दिया गया।

पत्नी से झूठ बोलकर इटली में इश्क फरमा रहे थे जनाब, आ गए कोरोना की चपेट में..

सुबह साढ़े पांच बजे चारों आरोपियों, पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में अपराधियों को फांसी देने के बाद उसकी डेड बॉडी के साथ क्या सलूक किया जाता है? दरअसल फांसी देने से पहले और बाद में कई चीजों का ध्यान रखा जाता है।

कोरोना को हराने वाली महिला ने साझा किया अपना खौफनाक अनुभव, बताया- ऐसा लगा जैसे मैंने कांच निगल लिया हो

आज हम आपको बता रहे है उसी प्रक्रिया के बारे में-