
mosquitoes
रात में सोते वक्त जब मच्छर हमें काटते हैं, कान के पास भिनभिनाते है तो ऐसा मन करता है कि इन मच्छरों की प्रजाती को ही खत्म कर दिया जाए। ना होंगे मच्छर और ना परेशान करेंगे। हर इंसान मच्छर से परेशान रहता हैं, इसके लिए तरह-तरह के उपाय भी करता है। कई बार मच्छरों के चलते घरों की खिड़की-दरवाजे ना चाहते हुए भी बंद रखना पड़ते हैं। नतीजा वेंटिलेशन की समस्या। यानी मच्छरों को होने से कई तरह के परेशानियों का सामना इंसान को करना पड़ता है। सोचिए ये मच्छा दुनिया से गायब हो जाएं तो क्या होगा? क्या मच्छरों के ना होने से इस धरती पर कोई असर पड़ेगा? आईए जानते हैं इन सवालों का जवाब।
दुनियाभर में कई तरह की प्रजातियों के मच्छर पाए जाते हैं, कुछ मच्छरों को काटने से कई गंभीर या यूं कहें जानलेवा बीमारियां भी हो जाती हैं। जबकि कुछ मच्छरों के काटने से शरीर चकत्ते आदि जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यानी इंसान के लिहाज से देखा जाए तो मच्छर उसके लिए सिर्फ परेशानी ही खड़ी करते हैं।
3500 मच्छरों की प्रजातियां
मच्छर कीड़ों की ही एक बड़ी प्रजाति को कहा जाता है। इन्हें फ्लाय यानी उड़ने वाले कीड़ों की श्रेणी में रखा जाता है। मच्छरों के सिर्फ 2 पंख होते हैं।
यह भी पढ़ें - ऐसा मुस्लिम देश, जहां नोट पर बनी है भगवान गणेश की तस्वीर
दूसरे प्राणी का खून चूसकर पनपने वाले मच्छर आते हैं।मच्छरों की करीब 3500 प्रजातियां दुनिया में पाई जाती हैं। हालांकि सभी प्रजातियां एक-दूसरे से अलग होती है।
कुछ रात के वक्त ज्यादा एक्टिव रहते हैं, वहीं कुछ दिन के वक्त, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती है क्योंकि उसी के जरिए वो अंडे दे सकती है।
गायब हो जाएं मच्छर तो क्या होगा?
इन सब बातों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इंसानों के परेशान करने वाले ये मच्छर ही दुनिया से गायब हो जाएं तो क्या होगा? दरअसल मच्छरों की कुछ ही प्रजाति खतरनाक होती हैं।
ऐसे में अगर ये प्रजातियां गायब होती हैं तो इंसान स्वस्थ जीवन बिता सकता है लेकिन अगर बात करें सभी मच्छरों के गायब होने की तो उससे पर्यावरण और इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ सकता है।
ऐसे बिगड़ेगा संतुलन
दरअसल कई जीव ऐसे होते हैं जो इन मच्छरों को खाकर अपनी जीवनयापन करते हैं। इनमें मेंढक, ड्रैगन फ्लाय, चींटी, मकड़ी, छिपकलियां, चमगादड़ प्रमुख रूप से शामिल हैं। अगर मच्छर गायब हो जाएं तो कई जीवों के पास खाने के लिए काफी कम खाना बचेगा, जिससे उनका अस्तित्व खत्म हो सकता है।
खत्म हो जाएगा परागण
मच्छरों के ना होने से परागण खत्म हो जाएगा। परागण की प्रक्रिया के तहत मच्छर पौधों के पराग लेकर अलग-अलग जगह गिराते चलते हैं, जिससे नए पौधे अलग जगहों पर उगते हैं।
यह भी पढ़ें - ऐसा देश जहां सोने से भी महंगा बिकता है गर्भनिरोध, एक पैकेट की कीमत जानकर रह जाएंगे दंग
Published on:
13 Jun 2022 03:59 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
