
शिवराज सरकार मे पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रह चुके हैं सुरेंद्र पटवा।
इंदौर. मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भोजपुर से विधायक सुरेंद्र पटवा के खिलाफ सीबीआइ द्वारा दर्ज केस करने सहित अन्य कार्रवाई पर रोक लगेगी या नहीं हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर आदेश सुरक्षित किया गया है।
जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस अनिल वर्मा की युगल पीठ में पटवा की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआइ, शासन और पटवा के वकीलों के तर्क सुनने के बाद अंतरिम राहत देने के मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा है। अगले सप्ताह की शुरुआत में फैसला आने की उम्मीद है।
सीबीआइ का कहना है बैंक ऑफ बड़ौदा से धोखाधड़ी के मामले में सुरेंद्र पटवा और उनकी पत्नी के ठिकानों से दस्तावेज व अन्य सबूत जब्त करने के बाद उन पर एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। फिलहाल और अन्य कार्रवाई नहीं की गई है। सुरेंद्र पटवा ने सीबीआइ की एफआइआर निरस्त करने की मांग की है। पटवा दंपती के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा से 29.41 करोड़ का लोन लेकर उसमें धोखाधड़ी करने का आरोप है। पिछले दिनों सीबीआइ ने पटवा के भोपाल, इंदौर के ठिकानों पर जांचकर दस्तावेज भी जब्त किए थे।
आरोप है कि सुरेंद्र ने मेसर्स पटवा ऑटोमोटिव प्रालि (वर्तमान में भगवती पटवा ऑटोमोटिव) इंदौर के डायरेक्टर रहते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 29.41 करोड़ रुपए की ठगी की है।
बताया गया कि इंदौर स्थित कंपनी ने आइडीबीआइ बैंक से ओवर क्रेडिट की सुविधा ली, इसके बाद 13 सितंबर 2014 को बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 36 करोड़ रुपए का लोन बढ़ाया। उक्त लोन 2 मई 2017 को एनपीए घोषित कर दिया गया। बाद में आरबीआइ को इस जालसाजी की सूचना दी गई थी, जिस पर अब कार्रवाई हुई। इससे पहले भी पटवा पर चेक बाउंस के कई मामलों दर्ज हैं।
Published on:
27 Nov 2021 09:47 am
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