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दहेज के लिए प्रताडि़त करता था पति, पत्नी ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी सजा, पति को ताउम्र कैद

कोर्ट ने मानी हत्या, पति को ताउम्र कैद : धारा 306 के आधार पर चला केस पर कोर्ट ने सजा धारा 302 के तहत सुनाई

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इंदौर

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Reena Sharma

Aug 11, 2019

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दहेज के लिए प्रताडि़त करता था पति, पत्नी ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी सजा, पति को ताउम्र कैद

इंदौर. दहेज के लिए आए दिन होने वाली पिटाई और शराब पीकर विवाद करने से तंग आकर पत्नी ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जांच के बाद पति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) और दहेज प्रताडऩा (धारा 498) में केस दर्ज किया। करीब ११ महीने तक कोर्ट में इन्हीं धाराओं में केस चला।

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11 गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने महिला की मौत को आत्महत्या नहीं मानव वध मानते हुए पति दीपक लोधी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीष मनीष बसेर ने पत्नी प्रीति की मौत के लिए पति दीपक को जिम्मेदार पाते हुए भादवि की धारा 302 में ताउम्र कैद और ५ हजार रुपए का जुर्माना किया। वहीं दहेज प्रताडऩा के केस में तीन वर्ष की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना है।

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लोक अभियोजक जयंत दुबे ने बताया, मूल रूप से विदिशा निवासी दीपक की शादी इंदौर की प्रीति के साथ मई 2014 में हुई थी। दोनों की एक दो साल की बेटी है। वे शिवकंठ नगर में रहते थे। एक साल पहले 9 अगस्त 2018 को दीपक ने बाणगंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि पत्नी ने घर के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली है।

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आसपास के लोगों और परिजनों के बयान के बाद पुलिस ने पति के खिलाफ दहेज प्रताडऩा और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया। दीपक पत्नी को दहेज के लिए परेशान करता था। पति के शराब पीने का आदी होने और रोज के विवाद व मारपीट से परेशान होकर आत्महत्या की बात सामने आ रही थी, लेकिन कोर्ट ने परिस्थितियों के आधार पर उसकी मौत को मानव वध मानते हुए धारा ३०२ में सजा दी। कोर्ट में प्रीति का कोई सुसाइड नोट भी पेश नहीं किया गया।

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